न्यूयॉर्क, 23 अगस्त (आईएएनएस)। वॉर्सेस्टर आर्ट म्यूजियम में काम कर चुकी एक भारतीय-अमेरिकी क्यूरेटर ने उनके रंग का ‘मजाक’ उड़ाने और ‘शत्रुतापूर्ण’ वातावरण में उनसे काम कराने के लिए प्रतिष्ठान पर मुकदमा दायर किया है।
राचेल पारिख ने पिछले महीने वॉर्सेस्टर काउंटी सुपीरियर कोर्ट में 64 पन्नों का मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका “मजाक उड़ाया गया और उपहास किया गया क्योंकि वह एक काली चमड़ी वाली दक्षिण एशियाई भारतीय महिला है” और “एक शत्रुतापूर्ण और आक्रामक कार्य वातावरण में थी”।
रेडियो सेवा डब्ल्यूबीयूआर की रिपोर्ट के अनुसार, पारिख ने पिछले साल संग्रहालय में एशिया और इस्लामिक वर्ल्ड की कला के एसोसिएट क्यूरेटर के रूप में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।
सिविल मुकदमे में, पारिख ने निर्देशक मैथियास वाशेक के साथ-साथ पारिख के पर्यवेक्षक क्लेयर व्हिटनर के खिलाफ कई आरोप लगाये गये हैं।
शिकायत में कहा गया है कि पारिख को कई मौकों पर “नस्लवाद और अवांछित और आक्रामक व्यवहार” का सामना करना पड़ा, संग्रहालय के अंदर काम करते समय और वाशेक के निमंत्रण पर सामाजिक समारोहों में भाग लेते समय, और जब वह कथित घटनाओं की रिपोर्ट करना चाहती थीं।
शिकायत में आगे कहा गया है कि वाशेक के अनुरोध पर व्हिटनर ने क्यूरेटर की भूमिका निभाने के लिए नियुक्त किए जाने के लगभग एक साल बाद पारिख को कथित तौर पर यह भी बताया था कि वह अपने लुक में सुधार करें और मेकअप लगायें, शायद छोटे झुमके, हार और एक झालरदार ब्लाउज पहनकर काम पर आयें।
शिकायत में कहा गया है, “डब्ल्यूएएम (वॉर्सेस्टर आर्ट म्यूज़ियम) कर्मचारी हैंडबुक में क्यूरेटर को ऐसी कोई भी चीज़ करने की आवश्यकता नहीं है जो सुश्री व्हिटनर ने कहा था और उन्होंने और श्री वाशेक ने महसूस किया कि डॉ. पारिख को यह करना चाहिए।”
पारिख ने कहा कि नवंबर 2021 में वाशेक और उनके पति के साथ लंच और 2022 के मार्च में जोड़े के घर पर रात्रिभोज पर भी टिप्पणियां की गईं।
उन्होंने कहा कि दोनों व्यक्तियों ने 90 के दशक के ब्रिटिश टेलीविजन शो का हवाला देते हुए उनकी सांस्कृतिक विरासत के बारे में तीखे सवाल पूछे, जिसमें एक भारतीय परिवार दिखाया गया था।
डब्ल्यूबीयूआर की रिपोर्ट के अनुसार, पारिख का आरोप है कि शो पर चर्चा के दौरान दो श्वेत लोगों ने एक से अधिक बार भारतीय लहजे की नकल की।
एक जनसंपर्क फर्म ने वाशेक का एक बयान साझा किया जिसमें उन्होंने शिकायत में आरोपों को “स्पष्ट रूप से झूठा” और “चौंकाने वाला” बताया।
पारिख के उत्पीड़न और प्रतिशोध के दावों की जांच के लिए नियुक्त एक बाहरी कंसल्टेंसी फर्म ने जुलाई 2022 में अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि वह अन्य सहयोगियों के साथ पारिख के दावों की पुष्टि नहीं कर सकी, लेकिन उसके बयानों को “विश्वसनीय” पाया।
–आईएएनएस
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