नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत पर थी। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई आईसीआरए की रिपोर्ट में दी गई।
भारत की विकास दर ऐसे समय पर तेज गति से बढ़ रही है, जब अमेरिकी टैरिफ के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था उतार-चढ़ाव का सामना कर रही है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में ग्रामीण और शहरी इलाकों में ग्राहक भावना में सुधार हुआ है।
आईसीआरए में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा,”आईसीआरए का अनुमान है कि भारत की जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 6.9 प्रतिशत रह सकती है, जो वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में निजी खपत और निवेश गतिविधि के रुझान दोनों असमान थे।”
उन्होंने कहा, “अधिकांश रबी फसलों के उत्पादन में मजबूत वृद्धि ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कृषि-जीवीए वृद्धि को बढ़ावा दिया है, इंडस्ट्रियल वॉल्यूम वृद्धि में विस्तार की धीमी गति के साथ-साथ कई सर्विस सेक्टर के इंडीकेटर्स के प्रदर्शन में गिरावट से इन क्षेत्रों के जीवीए पर असर पड़ने की उम्मीद है।”
केंद्र के अप्रत्यक्ष करों और सब्सिडी के लिए उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आईसीआरए का अनुमान है कि चौथी तिमाही में शुद्ध अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि काफी तेजी रही, जो कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 6.8 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि सर्विसेज निर्यात में वृद्धि दर वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर कम होकर 14.1 प्रतिशत हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 17.9 प्रतिशत थी। हालांकि, वृद्धि दर लगातार तीसरी तिमाही दोहरे अंक में रही है। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में सर्विसेज निर्यात 102 अरब डॉलर रहा है।
करंट सिचुएशन इंडेक्स (सीएसआई) के मुताबिक, ग्रामीण भावना में जनवरी 2025 में सुधार देखने को मिला है। वहीं, शहरी ग्राहक भावना में भी सकारात्मक बदलाव हो रहा है।
–आईएएनएस
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