नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री की वृद्धि दर वित्त वर्ष 26 में 6 से 7 प्रतिशत रह सकती है, जो कि बीते दो साल से 3- 4 प्रतिशत के बीच है। इसकी वजह अमेरिकी बाजार में मजबूत रिकवरी होना है। यह जानकारी एचएसबीसी रिसर्च की रिपोर्ट में सोमवार को दी गई।
2024 में बिजनेस जेनएआई की तुलना में जनरेटिव एआई (जेनएआई) को अपनाने की प्रक्रिया अधिक तेज रही है।
एचएसबीसी रिसर्च ने अपनी ‘आउटलुक फॉर 2025’ रिपोर्ट में कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले साल तक बिजनेस जेनएआई प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) का विकास जारी रहेगा और वे भारतीय आईटी से बाजार हिस्सेदारी हासिल करेंगे, लेकिन ये बढ़त धीमी हो रही है।”
आईटी में अधिकांश ऑपरेटिंग मीट्रिक्स (यूटिलाइजेशन, ऑफशोर मिक्स) में उच्च स्तर पर हैं। इस कारण जैसे-जैसे विकास में सुधार होगा, अगले वर्ष मार्जिन दबाव बढ़ने की संभावना है।
रिपोर्ट में बताया गया कि कुल मिलाकर हम उम्मीद करते हैं कि आईटी क्षेत्र 2025 में कम से कम बाजार के अनुरूप प्रदर्शन करेगा। विकास में सुधार से निवेशकों की रुचि कुछ अन्य क्षेत्रों से दूर हो जाएगी, जहां डिमांड आउटलुक बिगड़ रहा है लेकिन मूल्यांकन अभी अधिक है।
रिपोर्ट में आगे कहा कि हम मध्यम स्तर की कंपनियों के बारे में कम सकारात्मक हैं, क्योंकि उनकी वृद्धि धीमी पड़ रही है, लेकिन मूल्यांकन महंगा बना हुआ है।”
रिपोर्ट में इंफोसिस और एलटीआई माइंडट्री को अपग्रेड करके ‘बाय’ और विप्रो को ‘होल्ड’ रेटिंग दी गई है। साथ ही इन्फोसिस (बाय), एलटीआई माइंडट्री (बाय) और एचसीएल टेक (होल्ड) और एमफैसिस (बाय) को पसंदीदा पिक बताया।
रिपोर्ट में कहा गया है, “अमेरिका में मांग का आउटलुक सकारात्मक है, जिसे विशेषकर बैंकिंग और खुदरा क्षेत्र में सुधरती व्यापक स्थिति और निम्न आधार से समर्थन प्राप्त है।”
एचएसबीसी रिसर्च ने यूरोप के लिए आउटलुक कमजोर रहने का अनुमान जताया है। साथ ही कहा कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की बाधाओं के कारण वृद्धि सीमित रहेगी।
–आईएएनएस
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