नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली अपनी किसान गर्जना रैली में बड़ी संख्या में किसानों को आने के लिए आमंत्रित किया है।
भारतीय किसान संघ ने एक पत्र में कहा कि आजादी के 75 वर्षो के बाद भी किसान अभी भी यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें न्याय कब मिलेगा। उन्हें कम से कम लागत के आधार पर तो लाभकारी मूल्य मिले। सभी इनपुट पर जीएसटी लागू है। कानून के तहत किसानों को छोड़कर सभी उत्पादकों को इनपुट क्रेडिट उपलब्ध है।
संघ ने आगे कहा किहालांकि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सही दिशा में एक अपर्याप्त कदम था, फिर भी किसानों ने पूरे दिल से इसका स्वागत किया। लेकिन इस निधि से वर्ष 2019 से साल में 6,000 रुपये ही मिल रहे हैं, जो आज की स्थिति में सभी लागतों में मूल्यवृद्धि को देखते हुए बहुत कम है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार खाद पर सब्सिडी देती है, लेकिन ज्यादातर यह किसान के हित में नहीं, बल्कि कंपनियों के हित में है। बीकेएस ने जीएम सरसों को अनुमति देने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जहां प्राकृतिक खेती की बात करते हैं, जैव विविधता की बात करते हैं, पंचमहाभूत के संरक्षण की बात करते हैं, वहीं पर्यावरण मंत्रालय इनके बिल्कुल विपरीत कार्य करता है।
इसी तरह पानी के लिए हर इलाके को नदी से जोड़ने की घोषणा की गई है, लेकिन जमीन स्तर पर कुछ नजर नहीं आ रहा है, इसलिए विशाल किसान गर्जन रैली का आयोजन किया जा रहा है। बीकेएस ने कहा कि उनकी मुख्य मांगें हैं कि किसानों को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य मिले, किसान सम्मान निधि में अनुपात में वृद्धि हो, जीएसटी को खत्म किया जाए और जीएम फसलों के लिए अनुमति वापस ली जाए।
–आईएएनएस
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