नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह को गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ का नया अध्यक्ष चुना गया।
चुनावी लड़ाई में संजय ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान अनीता श्योरण को 40-7 वोटों के भारी अंतर से हराया।
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद गुरुवार को मतदान हुआ क्योंकि महासंघ को अंतर्राष्ट्रीय महासंघ यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा निलंबित कर दिया गया था।
अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, महासचिव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सहित 15 पदों के लिए चुनाव हुए।
हालांकि, यह श्योरण के लिए पूरी तरह से नुकसान नहीं था क्योंकि उनके खेमे के (रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड) के पूर्व सचिव प्रेम चंद लोचब महासचिव बने। उन्होंने इस पद पर हुए चुनाव में दर्शन लाल को 27-19 से हराया।
प्रदर्शनकारी पहलवानों के करीबी माने जाने वाले देवेंदर सिंह कादियान ने आईडी नानावती को 32-15 से हराकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद हासिल किया।
वहीं, बृज भूषण खेमे ने सभी चार उपाध्यक्ष पदों पर अपना कब्जा किया। जिसमें दिल्ली से जय प्रकाश (37), पश्चिम बंगाल से असित कुमार साहा (42), पंजाब से करतार सिंह (44) और मणिपुर से एन फोनी (38) विजयी हुए।
बृजभूषण खेमे से आने वाले सत्यपाल सिंह देशवाल नए कोषाध्यक्ष बने।
डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष बने संजय सिंह ने भारतीय कुश्ती समुदाय में चल रहे मुद्दों के बारे में बात की। इतना ही नहीं उन्होंने बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों पर निशाना साधा, जो इस साल की शुरुआत में पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे।
अपनी जीत की घोषणा के बाद संजय सिंह ने कहा, “जिन्हें प्रतिस्पर्धा करनी है उन्हें कुश्ती लड़नी चाहिए। जिन्हें राजनीति करनी है उन्हें राजनीति करनी चाहिए, क्योंकि जिन्हें राजनीति करना है उन्हें राजनीति के मैदान में जवाब दिया जाएगा।”
बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और कई बार के संसद सदस्य के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों सहित गंभीर आरोप लगाए थे।
भारतीय कुश्ती की प्रमुख हस्तियों बजरंग और साक्षी ने कथित तौर पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने हाल ही में खेल मंत्री से मुलाकात कर बृजभूषण के सहयोगी को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
डब्ल्यूएफआई में पदाधिकारियों के लिए चुनावों के समापन के साथ, कुश्ती के लिए वैश्विक शासी निकाय यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के लिए डब्ल्यूएफआई पर लगाए गए निलंबन को हटाने का मार्ग खुलेगा।
यह निलंबन अगस्त में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव कराने में डब्ल्यूएफआई की विफलता का परिणाम था। जिसका नुकसान यह रहा कि भारतीय पहलवानों को पिछले महीनों में वैश्विक प्रतियोगिताओं में न्यूट्रल एथलीटों के रूप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
–आईएएनएस
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