नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय महिला हॉकी टीम अपने मैच में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी। इस मुकाबले में उन्हें ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम का सामना करना है, जो एक चुनौतीपूर्ण मुकाबला होगा। टीम लगातार मेहनत कर रही है ताकि वह बेहतरीन खेल दिखा सके।
इस दौरे का एक मकसद यह भी है कि आने वाले वर्ल्ड कप और इस साल के अंत में यूरोप में होने वाली एफआईएच हॉकी प्रो लीग के लिए टीम नई रणनीतियां और संयोजन आजमा सके। अभी तक भारत को इस दौरे पर जीत नहीं मिली है, लेकिन आखिरी दो मैचों में वापसी का अच्छा मौका है।
26 सदस्यीय भारतीय टीम की कप्तान सलीमा टेटे और उप-कप्तान नवनीत कौर हैं। अब तक टीम ने ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम के खिलाफ एक मैच खेला है जिसमें उन्हें 0-2 से हार मिली। इसके पहले, भारत ने ऑस्ट्रेलिया ए टीम के साथ दो अभ्यास मैच भी खेले थे, लेकिन कड़ा संघर्ष करने के बावजूद उन्हें जीत नहीं मिल सकी।
मुख्य कोच हरेंद्र सिंह की कोशिश है कि इन अंतिम दो मैचों में टीम की कमजोरियों को सुधारा जाए और उसकी ताकतों को और मजबूत किया जाए।
यह टीम अनुभव और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मेल है। कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में टीम ने अच्छी प्रगति की है। भले ही ऑस्ट्रेलिया में अब तक नतीजे अनुकूल न रहे हों, लेकिन टीम भविष्य की तैयारियों में लगी है। अटैक और डिफेंस दोनों में टीम ने अब तक अच्छा प्रदर्शन दिखाया है।
कोच हरेंद्र सिंह ने कहा, “भारतीय महिला हॉकी टीम कड़ी मेहनत कर रही है ताकि एक मजबूत टीम बन सके। भले ही इस दौरे पर हम ज्यादा मैच नहीं जीत पाए हैं, लेकिन खेल के कई पहलू सकारात्मक रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा, “हार से तकलीफ तो होती है, खासकर जब हम आसान गोल खा जाते हैं, लेकिन इन मैचों का अनुभव सबसे ज्यादा मायने रखता है। जितने ज़्यादा मैच हमारी टीम खेलेगी, खासकर युवा खिलाड़ी, उतना ही बेहतर होगा। यह दौरा हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि मजबूत टीमों से खेलना ही असली परीक्षा होती है।”
भारत 3 और 4 मई को दौरे के आखिरी दो मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
–आईएएनएस
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