लंदन, 2 जून (आईएएनएस)। भारतीय मूल की एक महिला ने लंदन के एक शीर्ष स्कूल में अपने बेटे का दाखिला कराने के लिए झूठ बोला और जाली दस्तावेज बनाकर बुजुर्ग दंपति के घर को अपना बताया।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, 38 वर्षीय ट्रेनी कन्वाएंसर भक्ति शाह ने एजवेयर में एक बुजुर्ग दंपति के घर को अपना बताया क्योंकि यह उत्तरी लंदन के लोकप्रिय मिल हिल काउंटी हाई स्कूल के दायरे में आता था।
एजवेयर मिल हिल से लगभग 1.1 मील की दूरी पर है, जबकि हेंडन में शाह का घर 3.4 मील दूर है जो स्कूल के दायरे से बाहर था।
मिल हिल सिर्फ 1.3 मील के भीतर रहने वाले बच्चों को को 158 स्थान आवंटित करता है।
विल्सडेन मजिस्ट्रेट कोर्ट को पिछले महीने के अंत में बताया गया था कि शाह ने प्रॉपर्टी के ऊर्जा और परिषद कर खातों से छेड़छाड़ की, फर्जी कॉन्ट्रेक्ट और किराया समझौता बनाया, और यहां तक कि मकान के वास्तविक का पत्राचार भी यह कहते हुए हथिया लिया था कि गलती से यह उनके पास चला गया था।
लेकिन उन्हें परिषद के कार्यकर्ताओं ने रंगे हाथों पकड़ लिया गया जिन्होंने उनके कुछ दस्तावेजों में विसंगतियां पाई थीं।
डेली मेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शाह ने एक स्कूल में बच्चे के दाखिले के लिए आवेदन किया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह बुजुर्ग दंपति के घर के ठीक पीछे स्थित बीच वॉक, एजवेयर में अपने पूर्व साथी द्वारा खरीदी गई जमीन के एक टुकड़े पर संपत्ति बनाने जा रही थी।
लेकिन बार्नेट काउंसिल की दाखिला टीम ने उनके आवेदन को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि यह केवल उसके वर्तमान पते पर आधारित हो सकता है।
शाह ने फिर अपनी कहानी बदल दी और दावा किया कि वह वास्तव में जमीन से सटे संपत्ति में रहती थी, जो एक बुजुर्ग दंपति की थी, जो उससे पहले कभी नहीं मिले थे।
दंपति को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जब वे हमेशा अपने बिल का भुगतान तुरंत कर देते थे तो वे परिषद का कर बकाया कैसे हो गया है।
मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत को बताया गया कि शाह ने उस जमीन पर जल और परिषद कर खाता पंजीकृत कराया है। उसने एक नकली पानी का बिल भी पेश किया और बिक्री तथा जमीन की रजिस्ट्री के झूठे अनुबंध को बनाने के लिए एक कंवाएंसर के रूप में अपने कौशल का इस्तेमाल किया।
अदालत को बताया गया कि बुजुर्ग दंपति 10 साल से वहां रह रहे थे और उनका वहां से जाने का कोई इरादा नहीं था।
जब परिषद को विश्वास नहीं हुआ कि उसने घर बदल लिया है तो शाह ने झूठा किरायेदारी समझौता किया, जिसमें दिखाया गया कि वह हेंडन में अपनी संपत्ति किराए पर दे रही है।
मजिस्ट्रेट को बताया गया कि बुजुर्ग दंपती खुद एक किराएदार थे और उनके मकान मालिक ने पुष्टि की कि वे हमेशा उसी पते पर रहते थे।
अभियोजक परिना पटेल ने अदालत को बताया, अगर परिषद विसंगतियों को नहीं पकड़ पाता तो उसके बेटे को मिल हिल काउंटी स्कूल में दाखिला मिल गया होता। सौ में 99 बार दस्तावेजों को अपलोड किया जाता है और उन पर विश्वाास कर लिया जाता है, लेकिन यहां विसंगतियां थीं जिसके कारण आगे जांच की जरूरत पड़ी।
उन्होंने कहा, अगर दस्तावेजों की पुष्टि करने और प्रश्न पूछने में स्कूल प्रवेश टीम ने मेहनत नहीं की होती तो आवेदन पूरा हो जाता। शाह के कार्यों से वास्तविक कब्जाधारियों को अनावश्यक परेशानी हुई, क्योंकि बिल बढ़ गए थे।
शाह के वकील डेनियल कैवाग्लिएरी ने कहा कि उनकी मुवक्किल पूरे दिल से स्वीकार करती है कि उसने जो किया वह गलत था, और दावा किया कि उसके करियर की संभावनाएं अब चरमरा गई हैं।
वह एक पैरालीगल के रूप में काम कर रही थी, जिसका उद्देश्य एक कन्वाएंसर बनना था। उसने ब्रोमली काउंसिल के लिए भी काम किया है।
कैवाग्लियरी ने अदालत को बताया कि बेटा – जो अब एक फीस देने वाले स्कूल में है – एक अलग संस्थान में जाने के लिए प्रवेश परीक्षा में असफल रहा था।
जिला न्यायाधीश लोरेन मैकडॉनघ ने पूर्व-सजा रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया और शाह को बिना शर्त जमानत पर रखा।
शाह पर 29 अक्टूबर 2021 और 20 मई 2022 के बीच इरादतन झूठे साधनों का उपयोग करने के आठ मामले दर्ज हैं। सजा एक ऐलान 8 जून को होगा है।
कानूनी कार्यवाही के हिस्से के रूप में बार्नेट काउंसिल 5,064.29 पाउंड की लागत की मांग कर रही है।
–आईएएनएस
एकेजे