नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ ने अडानी समूह और बीबीसी डॉक्यूमेट्री मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दो रिट याचिकाएं दायर की है।
गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।
–आईएएनएस
एमजीएच/एएनएम
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ ने अडानी समूह और बीबीसी डॉक्यूमेट्री मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दो रिट याचिकाएं दायर की है।
गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ ने अडानी समूह और बीबीसी डॉक्यूमेट्री मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दो रिट याचिकाएं दायर की है।
गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ ने अडानी समूह और बीबीसी डॉक्यूमेट्री मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दो रिट याचिकाएं दायर की है।
गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
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दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ ने अडानी समूह और बीबीसी डॉक्यूमेट्री मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दो रिट याचिकाएं दायर की है।
गौरतलब है कि एक याचिका अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट, पूरे मामले पर केंद्र सरकार और उसके विभिन्न विभागों/एजेंसियों जैसे ईडी, डीआरआई, एसएफआईओ, आई-टी, आरओसी, सेबी और अन्य के अयोग्य, आकस्मिक रुख और प्रतिक्रिया कॉर्पोरेट कुशासन, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए टैक्स हेवन का उपयोग, शेल कंपनियां, ऋण सुरक्षित करने के लिए पुस्तकों और संपत्तियों को बढ़ाना, एसबीआई और एलआईसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का जोखिम, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, छोटे पैमाने के लिए स्पष्ट खतरा निवेशकों और आम नागरिकों को ऐसी अस्थिरता से।
आपको बता दें कि दूसरी याचिका संबंधित अधिनियम के तहत आपातकालीन प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी वृत्तचित्र पर केंद्र सरकार द्वारा असंवैधानिक और घोर अवैध प्रतिबंध, जो बहुत ही बुनियादी संवैधानिक और मौलिक अधिकारों और गारंटी को छूता है।
दोनो याचिकाएं रूपेश सिंह भदौरिया, एडवोकेट, भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय चेयरमैन, भारतीय युवा कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ और मारीष प्रवीर सहाय, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और दायर की गई है।
रूपेश सिंह भदोरिया ने कहा मामलों को बहुत जल्द माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध और सुनवाई किए जाने की संभावना है।