बेंगलुरु, 20 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय शॉर्ट-फॉर्म वीडियो (एसएफवी) प्लेटफॉर्म ने 200 मिलियन डॉलर के राजस्व का आंकड़ा पार कर लिया है। बुधवार को एक रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, एसएफवी प्लेटफॉर्म को मोनेटाइजेशन, इंफ्लूएंसर मार्केटिंग, वीडियो कॉमर्स और वर्चुअल टिपिंग के साथ आगे बढ़ने में मदद मिली।
रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के एसएफवी मार्केट ने करीब 250 मिलियन मंथली यूजर्स को जोड़ा है।
इसी के साथ 2020 के मध्य में चीनी टिकटॉक पर बैन के बाद से, एसएफवी प्लेटफार्मों ने डेली एक्टिव यूजर्स में 3.6 गुना वृद्धि की है। इस तेजी के साथ एसएफवी प्लेटफॉर्म भी अब मुख्यधारा के मनोरंजन साधन के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 63 प्रतिशत से अधिक एसएफवी इंगेजमेंट टियर 2 और उससे आगे के शहरों से आता है। ये प्लेटफॉर्म अब भारत के डिजिटल लैंडस्कैप का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
रेडसीर के एसोसिएट पार्टनर मुकेश कुमार ने कहा, “भारत का डिजिटल एडवरटाइजिंग मार्केट तेजी से बढ़ने वाला है, जिसके वित्त वर्ष 2029 तक लगभग दोगुना होकर 16-17 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें वीडियो एडवरटाइजिंग सबसे तेजी से बढ़ने वाले एडवरटाइजिंग फॉर्मेट के रूप में होगा।”
वित्त वर्ष 2024 में 95-100 मिलियन डॉलर की कमाई करने वाला ऐड रेवेन्यू वर्तमान में भारत के डिजिटल ऐड खर्च का 1-2 प्रतिशत है। जैसे-जैसे प्लेटफॉर्म परफॉर्मेंस मार्केटिंग की ओर बढ़ रहे हैं।इसके साथ एडवरटाइजिंग का विस्तार होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रो और मैक्रो इंफ्लूएंसर लोगों की लोकप्रियता के चलते वित्त वर्ष 2029 तक इंफ्लूएंसर मार्केटिंग में 3-4 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।
टिपिंग का भी चलन बढ़ा है। वर्तमान में 80-100 मिलियन डॉलर के साथ इसके वित्त वर्ष 2029 तक 700-800 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। पिछले 12 महीनों में लाइव स्ट्रीमिंग देखने वाले दर्शकों के बीच टिपिंग का चलन बढ़ा है।
भारतीय उपयोगकर्ता टिप्स पर लगभग 100 रुपये मासिक खर्च करते हैं, यह एवेन्यू क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसर के लिए सहायता प्रदान करता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के एसएफवी प्लेटफॉर्म पर यूजर्स और यूजर-इंफ्लूएंसर कनेक्शन के बीच बढ़ती मैच्योरिटी के साथ वीडियो कॉमर्स के वित्त वर्ष 2029 तक 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
औसतन, यूजर अब भारत के एसएफवी प्लेटफॉर्म पर प्रतिदिन 30 मिनट बिताते हैं, जो कि यूजर फ्रेंडली इंटरफेस, पर्सनलाइज्ड और हाई-क्वालिटी कंटेंट की ओर एक शिफ्ट को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “एसएफवी यूजर्स में से 50 प्रतिशत से अधिक मोनेटाइजेबल हैं, और उनका खर्च अक्सर ई-कॉमर्स, ओटीटी, इन-ऐप खरीदारी और पेड गेमिंग सेवाओं की ओर जाता है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि खर्च के लिए मासिक आय का लगभग 30 प्रतिशत निर्धारित होने के साथ, एसएफवी यूजर्स इन मोनेटाइजेशन मॉडल को सपोर्ट करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।
99 प्रतिशत से अधिक ऑरिजनल कंटेंट के साथ, भारतीय एसएफवी प्लेटफॉर्म कई प्रकार की शैलियों की पेशकश करते हैं, जो विभिन्न यूजर्स की पसंद को पूरा करते हैं।
–आईएएनएस
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