हाथरस, 2 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने हाथरस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे में मृत भक्तों के प्रति भारतीय संत समिति शोक संवेदना प्रकट करती है। परमात्मा से हम प्रार्थना करते हैं कि उन शरीरों को सद्गति मिले। इस प्रकार के सत्संग की व्यवस्था करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि बिना मानक पूरा किए बगैर मंजूरी न दी जाए।“
बता दें कि इस सत्संग में 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे। इसके लिए प्रशासन की ओर से मंजूरी भी मिली थी। सुरक्षा–व्यवस्था के लिए 40 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन उमस और गर्मी की वजह से स्थिति खराब हो गई। सत्संग समाप्त होने के बाद जैसे ही लोग बाहर निकलने का प्रयास करने लगे, तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई और देखते ही देखते यह स्थिति कब भगदड़ में तब्दील हो गई, पता ही नहीं चला। भगदड़ में अब तक 100 से भी ज्यादा लोगों के मौत हो चुकी है।
वहीं, सीएम योगी ने घटना को संज्ञान में लेने के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं। घायलों को 50 हजार रुपए और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही सीएम योगी के नेतृत्व में हादसे की जांच के लिए समिति गठित की गई है।
उधर, इस सत्संग में शामिल हुए कई लोगों ने आपबीती बताई। आईएएनएस से बातचीत के दौरान सत्संग में शामिल सुशीला देवी ने कहा, “भगदड़ के बाद कई लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उपचार की व्यवस्था नहीं होने की वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। खासकर ऑक्सीजन के अभाव में कई लोगों की जान चली गई। अगर ऑक्सीजन की व्यवस्था होती, तो कई लोगों की जान बच जाती।“
उन्होंने बताया, “जमीन पर पानी गिरा हुआ था, जिसकी वजह से कुछ लोग फिसल गए और लोग गिर पड़े। इसके बाद भगदड़ की स्थिति हो गई।“
–आईएएनएस
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