नई दिल्ली, 04 मार्च, (आईएएनएस)। भारत चीन सीमा सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर निगरानी के लिए भारतीय सेना आधुनिक उपकरणों से लैस हुई है। अब इन उपकरणों में एक नया नाम जेटपैक सूट भी शामिल हो सकता है। फिलहाल भारतीय सेना ने ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज द्वारा बनाए गए जेटपैक सूट का परीक्षण कर रही है। आगरा में इंडियन आर्मी ने एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल में इस उपकरण परीक्षण और प्रदर्शन किया गया है।
इंग्लैंड की ग्रेविटी इंडस्ट्रीज के संस्थापक, रिचर्ड ब्राउनिंग ने अपने जेटपैक सिस्टम का डेमो भारतीय सेना को दिया है। आगरा में जटपैक सूट पहनकर सड़क, जल निकाय और खेतों के ऊपर से उड़ते हुए वीडियो भी साझा किया गया है। यहां आगरा में ब्राउनिंग को जेडपैक सूट की मदद से उड़ते हुए देखा गया। भारतीय सेना के लिए जो जेटपैक सूट प्रदर्शित किया, उसमें जेट इंजन हैं। जिनमें मुख्य उपकरण पीठ पर है। दो दोनों हाथों पर इस पूरे सिस्टम का कंट्रोल है जिससे हवा में उड़ने वाले व्यक्ति को नेविगेट करने में मदद मिलती है।
जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के अंतर्गत 44 जेटपैक सूट खरीद की आवश्यकता जारी की है। अधिकारियों के मुताबिक आगरा इंडियन आर्मी एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल में विभिन्न में सामग्रियों के हवाई वितरण की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां पैरा-ड्रॉपिंग अनुसंधान और परीक्षण भी होता है।
गौरतलब है कि जेटपैक सूट एक ऐसा उपकरण है जिसे पहन कर हवा के माध्यम से हवा में उड़ाया जा सकता है। डिवाइस गैस या तरल का उपयोग करता है। भारत में जेटपैक सूट का परीक्षण ऐसे समय में हो रहा ह,ै जब भारतीय सेना चीन के साथ लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने समग्र निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है। खास तौर पर चीन से लगी पूर्वी लद्दाख सीमा में चीनी सैनिकों द्वारा शुरू किए गए विवाद के बाद यहां तनाव उत्पन्न हुआ है।
दरअसल भारतीय सेना खुद को अपग्रेड करती रहती है। इसी क्रम में भारतीय सेना द्वारा निगरानी के लिए रोबोट्स और जेटपैक की कमर्शियल बिड जारी की गई है। हिमालायी क्षेत्र में चीन से लगी सीमाओं पर निगरानी के लिए यह जटपैक सूट काफी प्रभावी साबित हो सकता है। इसके लिए भारतीय सेना ने एक ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज द्वारा बनाए गए जेटपैक सूट का ट्रायल किया है।
इंडियन एयरोस्पेस डिफेंस ने जेटपैक के ट्रायल से जुड़े कुछ वीडियो शेयर किए हैं। इस वीडियो में ग्रेविटी इंडस्ट्रीज के संस्थापक के रिचर्ड ब्राउनिंग को अपने जेटपैक सिस्टम का डेमो देते हुए और आगरा में एक जल निकाय और खेतों के ऊपर से उड़ते हुए देखा जा सकता है।
सभी प्रकार के परीक्षणों में खरा उतरने पर भारतीय सेना जेटपैक सूट की खरीद कर सकती है। जेटपैक सूट में मुख्य इंजन इसे पहनने वाले व्यक्ति की पीठ पर लगा होता है। इसे किसी बैगपैक की तरह पहना जाता है। हवा में इसे नेविगेट करने के लिए हाथों में लगे डिवाइस की मदद ली जाती है। माना जा रहा है कि शुरूआत में भारतीय सेना को ऐसे 44 जेटपैक सूट की आवश्यकता है। इस जैटपैक सूट की अधिकतम रफ्तार 50 किमी प्रति घंटा है। यहां खास बात यह है कि यह जटपैक सूट भारी व्यक्ति या सामान को ले जा पाने में सक्षम नहीं होता। इसमें 80 किलो से अधिक वजन वाला व्यक्ति नहीं उड़ सकता।
–आईएएनएस
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