नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि भारतीय सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने के चीनी सैनिकों के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि भारतीय सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने के चीनी सैनिकों के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि भारतीय सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने के चीनी सैनिकों के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
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इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
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इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि भारतीय सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने के चीनी सैनिकों के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
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मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
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राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
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राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
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मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
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रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
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इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि भारतीय सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने के चीनी सैनिकों के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कहा कि तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी और ²ढ़ संकल्प के साथ चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
राजनाथ सिंह ने सदन को सूचित किया कि इस घटना के दौरान भारत की ओर से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भारतीय कमांडरों द्वारा समय पर हस्तक्षेप किए जाने के बाद चीनी सैनिक अपनी पोजिशन में वापस लौट गए।
उन्होंने कहा कि बाद में 11 दिसंबर को भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच एक फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।
इस मामले को चीन के साथ राजनयिक माध्यमों से भी उठाया गया है।
मंत्री ने बयान में कहा, भारतीय सैनिक क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सदन भारतीय सैनिकों के प्रयासों में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट है।
जब उन्होंने बयान पढ़ा तो लोकसभा में हंगामा हुआ।
इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की थी।
सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और एनएसए अजीत डोभाल इस बैठक में मौजूद थे।