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भारतीय स्टार्टअप्स ने पिछले 5-10 साल में तय किया लंबा सफर : अभिराज सिंह बहल

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May 21, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। भारतीय स्टार्टअप्स ने पिछले 5 से 10 वर्षों में एक लंबा सफर तय किया है। इसमें बड़ी भूमिका सरकार के स्टार्टअप प्रोग्राम और अन्य योजनाओं ने निभाई है। ये बात अर्बन कंपनी के सह-संस्थापक अभिराज सिंह बहल ने कही है।

एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

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मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। भारतीय स्टार्टअप्स ने पिछले 5 से 10 वर्षों में एक लंबा सफर तय किया है। इसमें बड़ी भूमिका सरकार के स्टार्टअप प्रोग्राम और अन्य योजनाओं ने निभाई है। ये बात अर्बन कंपनी के सह-संस्थापक अभिराज सिंह बहल ने कही है।

एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। भारतीय स्टार्टअप्स ने पिछले 5 से 10 वर्षों में एक लंबा सफर तय किया है। इसमें बड़ी भूमिका सरकार के स्टार्टअप प्रोग्राम और अन्य योजनाओं ने निभाई है। ये बात अर्बन कंपनी के सह-संस्थापक अभिराज सिंह बहल ने कही है।

एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। भारतीय स्टार्टअप्स ने पिछले 5 से 10 वर्षों में एक लंबा सफर तय किया है। इसमें बड़ी भूमिका सरकार के स्टार्टअप प्रोग्राम और अन्य योजनाओं ने निभाई है। ये बात अर्बन कंपनी के सह-संस्थापक अभिराज सिंह बहल ने कही है।

एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

–आईएएनएस

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एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

–आईएएनएस

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एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

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एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

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बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

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एक स्टार्टअप कार्यक्रम में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बहल ने कहा, “आज से 10 वर्ष पहले देश में काफी छोटा इकोसिस्टम था और केवल एक यूनिकॉर्न था। लेकिन, अब स्थिति बदल गई है और देश में दुनिया का सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसके कारण 110 से ज्यादा यूनिकॉर्न मौजूद हैं।”

मई 2024 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की कुल वैल्यू 349 अरब डॉलर थी। फिलहाल भारत यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर है।

‘विशेष संपर्क अभियान’ इवेंट में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिए काफी सारे अवसर उपलब्ध हैं और मैं कह सकता हूं कि हम यहां से केवल आगे ही बढ़ने वाले हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया था कि 2024 की पहली तिमाही में भारतीय कंपनियों ने फिनटेक सेक्टर के लिए वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर पूंजी जुटाई है।

बता दें, 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2024 की पहली तिमाही में फिनटेक सेक्टर को 59 प्रतिशत ज्यादा फंडिंग मिली है जो कि भारत में आर्थिक परिस्थितियों को दर्शाता है।

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