नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर हैं। वह न्यूयॉर्क में लॉन्ग आइलैंड में आयोजित ‘मोदी एंड अमेरिका’ नामक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे हैं।
प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने हर सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए पॉलिसी बनाई है। हमने लोगों को सस्ते डेटा देने पर काम किया। मोबाइल का हर बड़ा ब्रांड आज मेड इन इंडिया है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है। उन्होंने कहा कि एक दौर था, जब हम मोबाइल आयात करते थे और आज हम मोबाइल निर्यात कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब पीछे-पीछे नहीं चलता, भारत अब नेतृत्व करता है, व्यवस्था बनाता है। भारत ने दुनिया को डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का कॉन्सेप्ट दिया। भारत का यूपीआई पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है। आपकी जेब में वॉलेट है, लेकिन भारत में लोगों के पास ई वॉलेट है, डिजी लॉकर है। भारत अब रुकने या थमने वाला नहीं है। आज भारत का 5जी मार्केट अमेरिका से भी बड़ा हो चुका है और ये सिर्फ दो साल के भीतर हुआ है। अब भारत ‘मेड इन इंडिया’ 6जी पर काम कर रहा है। यह इसलिए संभव हो सका, क्योंकि हमने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाईं। हमने मेड इन इंडिया तकनीक पर काम किया।
महिला सशक्तिकरण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने जो करोड़ों घर बनवाएं हैं, उनकी रजिस्ट्री महिलाओं के नाम हुई है। भारत में जो करोड़ों बैंक खाते खुले, उसमें आधे से ज्यादा खाते महिलाओं के खाते खुले। एमएसएमई योजना से भारत की दस करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। कृषि को तकनीकी से भी हम भारत में जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। आज खेती-किसानी में ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन शायद आपके लिए नई बात नहीं है, लेकिन नई बात यह है कि इसकी जिम्मेदारी महिलाओं के पास है। हम हजारों महिलाओं को ड्रोन पायलट बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में भारत की भूमिका न के बराबर है। दुनिया को बर्बाद करने में हमारी कोई भूमिका नहीं है। हमने ग्रीन ट्रांजिशन का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि आज भारत की बातों को लोग गंभीरता से सुनते हैं। जब भारत वैश्विक मंच पर बोलता है, तब दुनिया सुनती है। कुछ समय पहले जब मैंने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है, तब सभी ने सुना था। भारत की प्राथमिकता दुनिया में दबाव बढ़ाने की नहीं, प्रभाव बढ़ाने की है। हम विश्व में दबदबा नहीं चाहते, हम विश्व में सहयोग देना चाहते हैं।
–आईएएनएस
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