नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव और जापान के पर्यावरण मंत्री अकिहिरो निशिमुरा के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें जी7/जी20 सहयोग, एलआईएफई, समुद्री और प्लास्टिक अपशिष्ट और सीओपी सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
यादव ने भारत में नई तकनीकों को लाने के लिए जापान द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया और उनकी सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और जापान विशेष रूप से परिपत्र अर्थव्यवस्था और संसाधन दक्षता, कम कार्बन प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का पता लगा सकते हैं।
इस अवसर पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह एक संयोग है कि जापान और भारत दोनों ने क्रमश: जी7 और जी20 की अध्यक्षता संभाली है, और यह दोनों देशों के लिए वसुधैव कुटुम्बकम या एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की दिशा में दुनिया के भविष्य को आकार देने के लिए एजेंडा और प्राथमिकताएं निर्धारित करने का अवसर प्रस्तुत करता है, जो कि भारत के जी20 प्रेसीडेंसी का विषय भी है।
यादव ने आगे कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, कई मंत्रालयों और विभागों में काम करने वाले सभी कार्य समूहों के लिए लाइफ महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए जापान का समर्थन भी मांगा और जापान की जी-7 अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन भी दिया।
प्रथम भारत-जापान पर्यावरण सप्ताह को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि बेहतर दुनिया और बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए कोई पीछे नहीं छूटेगा, हमें स्थायी, समग्र, जिम्मेदार और समावेशी तरीके से दुनिया में सभी के लिए न्यायसंगत और समान विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
पर्यावरणीय चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, भूमि क्षरण और जैव विविधता के नुकसान के संकट से निपटने के लिए लाइफ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यादव ने कहा कि मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एकता नगर, गुजरात में लॉन्च किया गया था।
यादव ने कहा कि औद्योगिक विकास को टिकाऊ उत्पादन की ओर उन्मुख करना और टिकाऊ खपत को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण बनना समय की मांग है। बैठक का समापन करते हुए, दोनों देश दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ावा देने के साथ-साथ बहुपक्षीय रूपरेखाओं में एक साथ काम करने पर भी सहमत हुए।
–आईएएनएस
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