नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना ने फ्रांस की नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री युद्ध अभ्यास किया है। दोनों देशों के बीच यह संयुक्त समुद्री अभ्यास अरब सागर में किया गया। भारतीय नौसेना की ओर से स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री जहाज अभ्यास में शामिल हुआ। वहीं फ्रांस की नौसेना (एफएन) के युद्धपोतों मिस्ट्रल क्लास एम्फीबियस असॉल्ट शिप के एफएस डिक्सम्यूइड और ला फेयेट श्रेणी के पोत फ्रिगेट एफएस ला फेयेट के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (एमपीएक्स) में भाग लिया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस 11 मार्च को इस अभ्यास में समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में विकासात्मक परिवर्तन के एक व्यापक स्पेक्ट्रम को परखा गया। इसमें क्रॉस डेक लैंडिंग, बोर्डिग अभ्यास और सीमैनशिप विकास जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया था। अभ्यास के निर्बाध संचालन ने दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता एवं उच्च स्तर के सहयोग की पुष्टि की।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस सहयाद्री अत्याधुनिक हथियारों व सेंसर से लैस है। यह उसे हवा, सतह तथा तलछट के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम बनाता है। यह युद्धपोत फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पूर्व) के परिचालन नियंत्रण के तहत, विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक हिस्सा है।
गौरतलब है कि भारतीय थलसेना, फ्रांसीसी सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया है। भारत और फ्रांस की सेना के बीच यह पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास रहा। दोनों देशों की सेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए इस सैन्य अभ्यास को फ्रिंजेक्स-23 नाम दिया गया। भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक फ्रांस की सेना के साथ यह सैन्य अभ्यास 8 मार्च को भी केरल में तिरुवनंतपुरम के पैंगोड मिल्रिटी स्टेशन में शुरू किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने अधिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत और फ्रांस के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य सामरिक स्तर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना था। सैन्य अभ्यास की कार्यसूची में संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत शामिल था। इसके अंतर्गत दोनों देशों की सेनाएं एक विशेष संयुक्त कमांड फोर्स की स्थापना की। इस कमांड पोस्ट में आपदा राहत के उद्देश्य से परिकल्पित क्षेत्र को सुरक्षित करने का अभ्यास किया गया। यहां किए जाने वाले प्रशिक्षण में संचालन तथा आंतरिक रूप से विस्थापित आबादी के लिए (आईडीपी) शिविर की स्थापना व आपदा राहत सामग्री की सुगम आवाजाही शामिल रहा।
गौरतलब है कि यह पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाएं इस प्रारूप में तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय सेना के सैनिकों और फ्रांस की 6वीं लाइट आर्मर्ड ब्रिगेड के एक-एक कंपनी समूह के प्रत्येक दल के साथ शामिल हुई।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि संयुक्त अभ्यास फ्रांस के साथ रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा, जो समग्र भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख पहलू है।
–आईएएनएस
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