नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। भारत का केमिकल सेक्टर वैल्यू क्रिएशन में दुनिया में सबसे आगे रहा है और इसका पांच वर्षों (2020-24) का टोटल शेयरहोल्डर रिटर्न (टीएसआर) 28 प्रतिशत का रहा है, जो कि वैश्विक औसत 7 प्रतिशत से काफी अधिक है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केमिकल सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन का कारण मजबूत घरेलू मांग, लक्षित नीतिगत समर्थन और निवेशकों की बेहतर धारणा थी, जिससे मूल्यांकन में कई गुना की बढ़ोतरी हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, एग्रोकेमिकल निर्यात और इसकी घरेलू मांग के साथ-साथ फार्मास्युटिकल सामग्री, पर्सनल केयर और इंजीनियर्ड सामग्री जैसे विशिष्ट क्षेत्रों ने इस बेहतर प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विशिष्ट क्षेत्रों में केंद्रित भारतीय फर्मों ने 33 प्रतिशत टीएसआर रिटर्न प्राप्त किया, जबकि उर्वरक क्षेत्र ने 32 प्रतिशत रिटर्न दर्ज किया, जो वैश्विक औसत से काफी अधिक है।
टीएसआर किसी कंपनी के शेयर मूल्य और लाभांश में किसी निश्चित अवधि में प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्रीय स्तर पर, उभरते बाजार की केमिकल कंपनियों ने कुल मिलाकर मजबूत प्रदर्शन किया, जिनका औसत पांच-वर्षीय टीएसआर 12 प्रतिशत रहा।
बीसीजी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीनियर पार्टनर अमित गांधी ने कहा कि यह बेहतर प्रदर्शन राजस्व और लाभ वृद्धि के साथ-साथ हाई पी/ई गुणकों और मजबूत घरेलू मांग के कारण हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि प्रगति का अगला चरण इस बात पर निर्भर करता है कि भारतीय कंपनियां अगले पांच वर्षों में किस प्रकार विस्तार का चुनाव करती हैं, चाहे मौजूदा मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करके या नई मूल्य श्रृंखलाओं में प्रवेश करके।
बीसीजी ने बताया कि व्यावसायिक उत्कृष्टता, अनुशासित पूंजी आवंटन और पोर्टफोलियो गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियां इस गति को बनाए रखने की स्थिति में हैं।
वित्त वर्ष 24 में देश की सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि में योगदान देने वाले शीर्ष पांच उद्योगों में केमिकल प्रोडक्ट्स, बेसिक मेटल, मोटर वाहन, केमिकल प्रोडक्टस, खाद्य उत्पाद और दवा उद्योग शामिल थे।
–आईएएनएस
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