नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल निवेश मुख्य रूप से देश के विकास को गति देगा, क्योंकि वे निकट भविष्य में विकास चुंबक के रूप में कार्य करेंगे।
वित्तवर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण जारी होने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि भारत के मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारत की जीडीपी दर में लगभग 100 आधार अंक जोड़ने की क्षमता है।
आर्थिक सर्वेक्षण पर, जिसे संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया था, नागेश्वरन ने कहा कि पिछले आठ वर्षो में सरकार द्वारा किए गए सुधारों के कारण भारत इस दशक में प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, पिछले आठ वर्षो में डिजिटल, सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे सहित कई आयामों में सुधार हो रहे थे, जबकि बैंकिंग की सफाई चल रही थी।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की महामारी के बाद बुनियादी आर्थिक सुधार पूरा हो गया है और गैर-बैंकिंग और कॉर्पोरेट क्षेत्रों ने अच्छी वित्तीय स्थिति दिखाई है।
जीडीपी संख्या पर नागेश्वरन ने आशावाद दिखाया कि महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के वैश्विक झटकों के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने वाली है।
उन्होंने कहा, अपने विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट में आईएमएफ ने चालू वित्तवर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 6.8 प्रतिशत, अगले वित्तवर्ष में 6.1 प्रतिशत और 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत पर बनाए रखा है। अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी हो गई है।
नागेश्वरन ने आगे कहा कि सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और सरकार ने सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता बनाए रखी है।
उन्होंने कहा, इस तरह के विभिन्न आयामों से व्यय प्रबंधन में सुधार हुआ है।
–आईएएनएस
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