नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते में 305 मिलियन डॉलर बढ़कर 654.271 अरब डॉलर हो गया है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दी गई है।
इससे पिछले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते में 15.267 अरब डॉलर बढ़ा था। इस बढ़ोतरी के बाद यह 653.966 अरब डॉलर हो गया था। विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर यह दो वर्षों में सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की गई।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का कुछ श्रेय भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 28 फरवरी को 10 बिलियन डॉलर के फॉरेक्स स्वैप को दिया गया। इस फॉरेक्स स्वैप के तहत केंद्रीय बैंक ने लिक्विडिटी बढ़ाने और बाजार को स्थिर करने के उद्देश्य से रुपयों के बदले डॉलर खरीदे थे।
इससे पहले सितंबर 2024 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
आरबीआई द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार 14 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक विदेशी करेंसी एसेट्स 557.186 बिलियन डॉलर रह गया है।
आरबीआई ने कहा कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 66 मिलियन डॉलर बढ़कर 74.391 बिलियन डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने कहा कि स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) 51 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.262 बिलियन डॉलर हो गए।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस सप्ताह में आईएमएफ के पास भारत की आरक्षित स्थिति में भी सुधार दर्ज किया गया है, जो कि 283 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.431 बिलियन डॉलर हो गई।
इसके अलावा, पिछले महीने आरबीआई के मासिक बुलेटिन में कहा गया है कि चुनौतीपूर्ण और तेजी से अनिश्चित होते वैश्विक माहौल में भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 के दौरान सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगी।
आईएमएफ और विश्व बैंक ने भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान आगामी वित्त वर्ष के लिए क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत लगाया है।
–आईएएनएस
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