नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)। भारत के विनिर्माण उद्योग में 2023 में सबसे ज्यादा रैंसमवेयर के हमले देखे गए। एक ग्लोबल रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
पालो ऑल्टो नेटवर्क की यूनिट 42 की रिपोर्ट 250 से अधिक संगठनों और 600 से अधिक घटनाओं के डेटा पर आधारित है। इसने लीक साइटों के प्लेटफार्मों से 3,998 पोस्टों की जांच की, जहां धमकी देने वाले सार्वजनिक रूप से पीड़ितों को फिरौती देने के लिए मजबूर करने के साधन के रूप में विभिन्न रैंसमवेयर समूहों से चुराए गए डेटा का खुलासा किया।
विश्व स्तर पर साल 2022-2023 तक मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर हमलों में साल-दर-साल 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत में विनिर्माण सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ।
पालो अल्टो नेटवर्क के एमडी अनिल वल्लूरी ने एक बयान में कहा, ”भारत में विनिर्माण सेक्टर बीते वर्ष में रैंसमवेयर हमलों के प्राथमिक लक्ष्य के रूप में उभरा है। यह अस्थिर प्रवृत्ति भारतीय विनिर्माण सेक्टर के भीतर महत्वपूर्ण कमजोरियों को रेखांकित करती है।”
उन्होंने आगे कहा, ”संगठनों को सुरक्षा की परतें बनाने के लिए एंटरप्राइज-वाइड जीरो ट्रस्ट नेटवर्क आर्किटेक्चर को लागू करना चाहिए, जो एक हमलावर को नेटवर्क के चारों ओर घूमने से रोकता है।”
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि फ़िशिंग 2022 में शुरुआती घटनाओं के एक तिहाई हिस्से से घटकर 2023 में सिर्फ 17 प्रतिशत रह गई।
रिपोर्ट के अनुसार, “यह फ़िशिंग को कम प्राथमिकता देने का संकेत है। साइबर अपराधी अधिक तकनीकी रूप से एडवांस और शायद अधिक कुशल घुसपैठ के तरीकों को अपना रहे हैं।”
इसके अलावा, रिपोर्ट में सॉफ्टवेयर और एपीआई कमजोरियों के शोषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। साल 2022 में 28.20 प्रतिशत थी जो 2023 में बढ़कर 38.60 प्रतिशत हो गई।
–आईएएनएस
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