नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का व्यापार घाटा इस वर्ष मई में घटकर 21.88 बिलियन डॉलर रह गया, जो अप्रैल में 26.42 बिलियन डॉलर था।
मई 2024 में दर्ज 22.09 बिलियन डॉलर के इसी आंकड़े की तुलना में व्यापार घाटा सालाना आधार पर कम रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने पत्रकारों से कहा, “व्यापार के संबंध में वैश्विक नीति अनिश्चितता के बावजूद हमने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन सहित इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात में मई में सालाना आधार पर सबसे तेज 54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि रसायनों के निर्यात में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि फार्मास्यूटिकल्स के निर्यात में 7.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच मई 2025 में व्यापारिक निर्यात 2.17 प्रतिशत घटकर 38.73 बिलियन डॉलर रह गया, जो मई 2024 में 39.59 बिलियन डॉलर था।
हालांकि, मई 2024 में 61.68 बिलियन डॉलर की तुलना में आयात में सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 60.61 बिलियन डॉलर रह गया।
इस बीच, वाणिज्य सचिव ने कहा कि सेवाओं के व्यापार में मई में 14.65 बिलियन डॉलर का अनुमानित सरप्लस दिखा, क्योंकि सेवाओं का निर्यात बढ़कर 32.39 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात बढ़कर 17.14 बिलियन डॉलर हो गया।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की अप्रैल-मई अवधि में निर्यात बढ़कर 77.19 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात बढ़कर 125.52 बिलियन डॉलर हो गया।
व्यापार घाटे में कमी से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी और यह ऐसे समय में हुआ है जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
शुक्रवार को आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 6 जून को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.17 अरब डॉलर बढ़कर 696.66 अरब डॉलर हो गया।
सप्ताह के दौरान हुई तेज वृद्धि ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को ऐतिहासिक उच्च स्तर 704.885 डॉलर के करीब पहुंचा दिया है, जो सितंबर 2024 के अंत में पहुंचा था।
6 जून को समाप्त सप्ताह के लिए, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, जो भंडार का एक प्रमुख घटक है, 3.47 अरब डॉलर बढ़कर 587.69 अरब डॉलर हो गई।
सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का स्वर्ण घटक 1.6 मिलियन डॉलर बढ़कर 85.89 अरब डॉलर हो गया। भू-राजनीतिक तनावों से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सुरक्षित-संपत्ति के रूप में सोने को तेजी से जमा कर रहे हैं।
वर्तमान में सोने का भंडार 83.582 बिलियन डॉलर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए सोने का हिस्सा 2021 से लगभग दोगुना हो गया है।
–आईएएनएस
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