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भारत का स्मार्टफोन बाजार इस साल 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा : रिपोर्ट

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January 3, 2025
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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

–आईएएनएस

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 तक 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

किफायती प्रीमियम श्रेणी (30,000 रुपये-45,000 रुपये) में, वीवो, ओप्पो और वनप्लस जैसे ब्रांड एडवांस कैमरा सिस्टम और रिफाइंड सीएमएफ डिजाइन पेश करके ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

इस बीच, सैमसंग की मूल्य-केंद्रित रणनीति खास तौर पर अपनी प्रमुख एस सीरीज के साथ लोकप्रिय हो रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

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रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

एप्पल और सैमसंग प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश कर इस बदलाव को लीड कर रहे हैं।

एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि वनप्लस अपने फ्लैगशिप वनप्लस 13 के लॉन्च के साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-पावर्ड फीचर्स में बढ़ती दिलचस्पी ने उपभोक्ताओं को इन इनोवेशन को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें ऑरिजनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और लाभप्रदता में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

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लोकल मार्केट के विस्तार में वनप्लस द्वारा चरणबद्ध तरीके से 6,000 करोड़ रुपये के नियोजित निवेश से इसकी रिकवरी और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, ”भारत के स्मार्टफोन बाजार का रिटेल एवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।”

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एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में की गई कीमतों में कटौती के कारण है।

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प्रीमियमाइजेशन की ओर बदलाव की वजह यह भी है कि उपभोक्ता तेजी से ऑफलाइन स्टोर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जहां वे खरीदारी करने से पहले प्रीमियम स्मार्टफोन का अनुभव कर सकते हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये और उससे अधिक) का बाजार हिस्सा 2025 तक 20 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

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