नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य घटकों की स्थिति बेहतर है और इस कारण देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 से 7 प्रतिशत की ट्रेंड ग्रोथ के करीब रह सकती है। यह जानकारी क्रिसिल की रिपोर्ट में सोमवार को दी गई।
ट्रेंड जीडीपी ग्रोथ, जीडीपी में समय के साथ हुई औसत आर्थिक विकास दर को कहा जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया, “चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) की पहली छमाही में देश में निजी खपत वृद्धि दर पिछले साल की तुलना में बेहतर रही है। हालांकि, निवेश वृद्धि दर पिछले साल की तुलना में कम हुई है, लेकिन जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी महामारी से पहले के दशक की तुलना में अधिक बनी हुई है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, “महामारी के पहले दशक में औसत जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर ट्रेंड ग्रोथ रेट 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।”
अर्थव्यवस्था को चलाने वाले सभी घटक मजबूत बने हुए हैं। निजी खपत चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत बढ़ी है , जो कि पिछले साल समान अवधि में 4.1 प्रतिशत थी। जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 56.3 प्रतिशत हो गई है, जो कि माहामारी के पहले के दशक में 56.1 प्रतिशत थी।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति भी सामान्य हो रही है। पिछले वित्त वर्ष में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में -0.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इस वित्त वर्ष में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2.7 प्रतिशत रही है, जो महामारी से पहले के 5 साल के औसत 3.2 प्रतिशत के करीब है।
क्रिसिल ने रिपोर्ट में कहा कि हमें उम्मीद है कि खपत एवं मांग में सुधार से इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर बढ़ेगी। खास तौर पर, अच्छे मानसून के बाद कृषि और ग्रामीण मांग में सुधार होने की संभावना है। इसका मतलब है कि इस वित्त वर्ष में वृद्धि अधिक संतुलित रहेगी, भले ही यह पिछले साल की तुलना में कम हो।
–आईएएनएस
एबीएस/