आइजोल, 2 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि भारत के विपरीत, दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो हथियारों के जरिए अपनी समस्याएं हल करने की कोशिश कर रहे हैं।
यहां गौहाटी उच्च न्यायालय की आइजोल पीठ की नई इमारत का उद्घाटन करते हुए सीजेआई ने कहा, “हम कानून के शासन के लिए खड़े हैं, हम समस्याओं के शांतिपूर्ण समाधान के लिए खड़े हैं।“
“हमारे संस्थानों का महत्व यह है कि हमने मानवीय खुशी और मानव भलाई लाने के लिए हिंसा की संस्कृति को संवाद की संस्कृति, सहिष्णुता की संस्कृति, समझ की संस्कृति और साझा मूल्यों की प्राप्ति से बदल दिया है।”
सीजेआई ने कहा कि संस्थानों को मजबूत करने में बार्स के सदस्यों और अन्य लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सीजेआई ने कहा, “हमारे राष्ट्र की स्थिरता और अस्तित्व के लिए सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है। समुदायों के बीच और विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद बहुत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी इंसान इतिहास को बदलने के लिए इतना महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन हम सभी मिलकर एक स्थिर, शांतिपूर्ण और खुशहाल समाज में योगदान देने की क्षमता रखते हैं।
सीजेआई ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ”बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में इतनी सारी महत्वपूर्ण समस्याओं से निपटने के बावजूद मैं हमेशा मुस्कुराता हुआ कैसे रहता हूं, लेकिन यही बात अब मैं मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा (जो इस अवसर पर भी मौजूद थे) से पूछता हूं। इतनी सारी गंभीर समस्याओं से जूझने के बावजूद वह इस उम्र में भी मुस्कुराता हुआ चेहरा और अच्छा स्वास्थ्य कैसे बनाए रखते हैं।”
मंच पर अस्सी वर्षीय मुख्यमंत्री को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अन्य न्यायाधीशों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ मुस्कुराते हुए देखा गया।
सीजेआई ने सभा को बताया, “मेरी ओर से और साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से मैं आपको बता सकता हूं कि हमारे मुस्कुराते चेहरे का रहस्य हमारे समाज की भलाई के लिए आशावाद की भावना है। इसके अलावा, माता-पिता के जीन, सौभाग्य और परवरिश हमें मुस्कुराते रहने में मदद करते हैं।”
जस्टिस चंद्रचूड़ ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि हाल के वर्षों में अधिक महिलाएं न्यायपालिका में शामिल हो रही हैं।
उन्होंने बताया, “बेंच और बार दोनों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए एक अनुकूल माहौल जरूरी है।”
सीजेआई ने मिज़ो समाज की सराहना करते हुए राष्ट्रीय राजधानी और सुप्रीम कोर्ट में पूर्वोत्तर क्षेत्र से अधिक न्यायाधीशों और वकीलों की जरूरत पर जोर दिया।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने गौहाटी उच्च न्यायालय की आइजोल पीठ की नई इमारत के पूरा होने के लिए सभी हितधारकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चूंकि अदालत एक सफल न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए इसके परिसर और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें यह ध्यान में रखना होगा कि हमें कानून के शासन के साथ खड़ा होना चाहिए और समस्याओं के शांतिपूर्ण समाधान के साथ खड़ा होना चाहिए। कानून का शासन ही इस देश को कायम रखता है और यह नई इमारत राज्य में कानून के शासन का भी प्रतीक है।”
आइजोल पीठ की नई इमारत का निर्माण 4.62 करोड़ रुपये की लागत से आइजोल के न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स में किया गया है।
उद्घाटन समारोह में मेघवाल, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप मेहता, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हृषिकेश रॉय और उज्ज्वल भुइयां सहित अन्य लोग मौजूद थे।
गौहाटी उच्च न्यायालय की आइजोल पीठ की स्थापना 5 जुलाई 1990 को हुई थी। यह राज्य की राजधानी आइजोल से लगभग 5 किमी दूर ऐनाव वेंग से कार्य करती थी।
–आईएएनएस
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