नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
–आईएएनएस
जीकेटी/
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
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चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने दुनिया में सबसे बड़े ग्रीन रेलवे नेटवर्क के रूप में उभरने के लिए अपने 68,000 किलोमीटर के विशाल ट्रैक नेटवर्क में से 95 प्रतिशत का विद्युतीकरण कर लिया है।
रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
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रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य मुकुल सरन माथुर ने कहा कि भारतीय रेलवे प्रतिदिन दो करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करती है और हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों को भारत के रेल आधुनिकीकरण प्रयासों में एक “प्रमुख प्रयास” के रूप में रेखांकित किया।
यहां एसोचैम नेशनल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, माथुर ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रेलवे विस्तार के लिए 85,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन सुधारों में तेज़ टिकट वापसी प्रक्रिया भी शामिल है, जिसे अब घटाकर एक या दो कार्य दिवस कर दिया गया है।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक विकास की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
एसोचैम के दीपक शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत के ‘विकसित भारत’ का केंद्र है, जिसका लक्ष्य कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग के संजय बाजपेयी ने गति शक्ति योजना के माध्यम से 100 प्रतिशत कार्गो क्षमता और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने में एआई और मशीन लर्निंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
गोल्डरैट रिसर्च लैब्स के अनिमेष गुप्ता ने 40 प्रतिशत रेल माल ढुलाई हिस्सेदारी और रेलवे परिचालन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। एसीटीओ के मनीष पुरी और एबीबी इंडिया लिमिटेड के मुनीश घुगे ने बढ़ती व्यापार मांगों को पूरा करने और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे के महत्व पर चर्चा की।
चर्चाओं से निकलकर आया कि भारतीय रेलवे के लिए परिवर्तनकारी तकनीकी की आवश्यकता के साथ इसमें पारदर्शिता और विश्वसनीयता की लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, विशेषज्ञों ने कहा कि रेलवे का आधुनिकीकरण भारत की आर्थिक वृद्धि की कुंजी है और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक तरीका है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य-वाणिज्यिक मुकुल सरन माथुर ने बताया कि रेलवे चुनौतीपूर्ण समय में कैसे काम करता है।
उन्होंने कहा कि प्रवासियों के परिवहन के लिए हाल ही में 5,000 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। विकसित भारत के लिए रेलवे के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों का उदाहरण दिया, जो भारत में एक प्रमुख फ्लैगशिप उत्पाद है। तकनीकी प्रगति से दुर्घटनाएं कम हो गई हैं और तेज़ यात्रा के लिए मार्गों पर हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हैं।
सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने देश के विकास और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे के महत्व को रेखांकित किया।