चेन्नई, 13 मार्च (आईएएनएस)। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि देश के मजबूत व्यापक आर्थिक रुझानों के कारण भारतीय वित्त कंपनियों की क्रेडिट गुणवत्ता में सुधार जारी रहेगा।
एसएंडपी ग्लोबल क्रेडिट एनालिस्ट दीपाली सेठ छाबड़िया ने कहा कि फाइनेंस कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार एक समान नहीं होगा।
छाबड़िया ने कहा, मजबूत कंपनियों की बेहतर फंडिंग पहुंच को देखते हुए बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की संभावना है। इस बीच, कमजोर खिलाड़ी लिक्वि डिटी स्ट्रेस से निपटने के लिए बिजनेस मॉडल की उत्पत्ति और वितरण का सहारा ले सकते हैं।
अपेक्षा से अधिक उच्च मुद्रास्फीति या ब्याज दरें एसएंडपी ग्लोबल के पूर्वानुमानों के लिए प्रमुख जोखिम बनी हुई हैं।
बढ़ती ब्याज दरों से भारतीय वित्त कंपनियों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ने की संभावना है।
मजबूत शासन और पितृत्व वाली कंपनियों के दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। उभरते सह-उधार मॉडल तरलता तनाव को कम कर रहे हैं।
एसएंडपी ग्लोबल ने कहा, हमें उम्मीद है कि 2023 में बैंक की उधारी वृद्धिशील फंडिंग पर हावी होगी।
अधिकांश रेटेड वित्त कंपनियों का ²ष्टिकोण स्थिर है, जो उनकी मजबूत कमाई, पूंजीकरण और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार को दर्शाता है।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
चेन्नई, 13 मार्च (आईएएनएस)। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि देश के मजबूत व्यापक आर्थिक रुझानों के कारण भारतीय वित्त कंपनियों की क्रेडिट गुणवत्ता में सुधार जारी रहेगा।
एसएंडपी ग्लोबल क्रेडिट एनालिस्ट दीपाली सेठ छाबड़िया ने कहा कि फाइनेंस कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल में सुधार एक समान नहीं होगा।
छाबड़िया ने कहा, मजबूत कंपनियों की बेहतर फंडिंग पहुंच को देखते हुए बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की संभावना है। इस बीच, कमजोर खिलाड़ी लिक्वि डिटी स्ट्रेस से निपटने के लिए बिजनेस मॉडल की उत्पत्ति और वितरण का सहारा ले सकते हैं।
अपेक्षा से अधिक उच्च मुद्रास्फीति या ब्याज दरें एसएंडपी ग्लोबल के पूर्वानुमानों के लिए प्रमुख जोखिम बनी हुई हैं।
बढ़ती ब्याज दरों से भारतीय वित्त कंपनियों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ने की संभावना है।
मजबूत शासन और पितृत्व वाली कंपनियों के दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। उभरते सह-उधार मॉडल तरलता तनाव को कम कर रहे हैं।
एसएंडपी ग्लोबल ने कहा, हमें उम्मीद है कि 2023 में बैंक की उधारी वृद्धिशील फंडिंग पर हावी होगी।
अधिकांश रेटेड वित्त कंपनियों का ²ष्टिकोण स्थिर है, जो उनकी मजबूत कमाई, पूंजीकरण और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार को दर्शाता है।
–आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी