जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।
–आईएएनएस
एचएमए/सीबीटी
ADVERTISEMENT
जम्मू, 25 फरवरी (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कोटली सलाल के लोग लिथियम के विशाल भंडार की खोज की खबर से उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि इससे उनकी किस्मत बदल जाएगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कोटली सलाल ने 5.9 मिलियन टन लिथियम की खोज के बाद सुर्खियां बटोरीं और देश भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
कोटली सलाल के नायब सरपंच राजिंदर सिंह ने कहा, टीमें दो साल तक सर्वे करने के बाद निकली हैं। यह ड्रिलिंग मशीनों की मदद से किया गया था। नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए थे और अब हमें अच्छी खबर मिली है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लिथियम की खोज निश्चित रूप से लोगों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
कई साल पहले सलाल में एनएचपीसी बिजली परियोजना की स्थापना के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जो इस क्षेत्र में आएगी। यह विकास को गति देगी और बेरोजगारी को समाप्त करेगी।
रियासी जिला, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए भी प्रसिद्ध है, अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लीथियम के संभावित गेम चेंजर बनने के साथ खुद को विकासात्मक गतिविधियों के शीर्ष पर देखता है।
सलाल हिमनगर के एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारे गांव में लिथियम के भंडार पाए गए हैं। जब मंत्रालयों और प्रमुख अधिकारियों ने इस बारे में ट्वीट किया तो मेरे उत्साह की कोई सीमा नहीं रही।
हम भाग्यशाली हैं कि हमारे क्षेत्र में इतनी बड़ी खोज की गई है। यह कोई छोटी परियोजना नहीं है। इससे हमारा गांव जगमगाएगा। सलाल हिमनगर का कोई भी व्यक्ति अब बेरोजगार नहीं रहेगा। जो खनिज दूसरे देशों से आयात किया जाता था, वह अब हमारे गांव से निकाला जाएगा, इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है?
जम्मू-कश्मीर के संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन एचएल लांगेह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जांच भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, जिसने 9 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी।
उन्होंने कहा कि, रिपोर्ट के चार चरण हैं, जी1, जी2, जी3 और जी4। उन्होंने कहा कि जी4 और जी3 चरणों के लिए काम पूरा हो चुका है और अब लिथियम की रिकवरी और निष्कर्षण के बारे में आगे की जांच के लिए जी1 और जी2 चरण किए जाएंगे।
लागेथ ने कहा, प्रौद्योगिकी के पहलू पर गौर करना होगा, क्या लिथियम को पुनप्र्राप्त करने के लिए तकनीक अभी हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि, लिथियम निकालने की परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
उन्होंने कहा, परियोजना को कई चरणों से गुजरना होगा, जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी भी शामिल है।