नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
–आईएएनएस
एबीएस/
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
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एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
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सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
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सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
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एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।
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नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एक सर्वे में दी गई।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सर्विसेज पीएमआई) , जिसे एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है, में कहा गया कि भारत के सर्विस सेक्टर का पीएमआई दिसंबर में 59.3 रहा है, जो कि नवंबर में 58.4 पर था। यह अगस्त 2024 के बाद सर्विसेज पीएमआई का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सर्वे में कंपनियों ने बताया है कि सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में उछाल की वजह मजबूत मांग का होना है। सर्वे में कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि क्षमता विस्तार ने उन्हें अत्याधिक काम स्वीकार करने की अनुमति दी है।
सर्वे के मुताबिक, सकारात्मक सेंटीमेंट अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर बना हुआ है। सर्विसेज प्रोवाइडर्स को विश्वास है कि आने वाले 12 महीने में आउटपुट बढ़ेगा। क्षमता विस्तार, नए ग्राहकों द्वारा पूछताछ और मार्केटिंग के लिए बजट आवंटन बढ़ना कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने वृद्धि दर को बढ़ावा दिया है।
दिसंबर में सर्विसेज कंपनियों के कारोबारी खर्च में बढ़ोतरी जारी रही, लेकिन महंगाई दर नवंबर के 15 महीने के उच्चतम स्तर से नीचे आई है। इनपुट लागत में वृद्धि के चलते दिसंबर में सर्विस प्रोवाइडर्स ने फिर से अपनी फीस बढ़ा दी।
सर्वे में बताया गया कि दिसंबर के दौरान सर्विस प्रोवाइडर को मिले अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में ठोस वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में रोजगार और विकास के लिए अच्छा संकेत है।
एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, “नए कारोबार और भविष्य की गतिविधियों जैसे दूरगामी संकेतकों से पता चलता है कि निकट भविष्य में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा।”
सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि ने मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि में गिरावट की भरपाई की है और इस कारण कुल कंपोजिट पीएमआई दिसंबर में बढ़कर 59.2 हो गया है, जो कि नवंबर में 58.6 था।