नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। नीदरलैंड्स के पूर्व ऑलराउंडर रेयान टेन डेशकाटे जब सहायक कोच के तौर पर भारतीय टीम के साथ जुड़ रहे थे तब उन्होंने यह नहीं सोचा था कि स्पिन से निपटना उनको मिलने वाले दायित्वों में से एक होगा लेकिन अब वह भारत के आगामी घरेलू सीज़न के दौरान इस भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारत को आने वाले समय में घर पर बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दो और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है।
टेन डेशकाटे ने टॉकस्पोर्ट क्रिकेट से कहा, “यह (स्पिन से निपटने की ज़िम्मेदारी मिलना) उन चुनौतियों में से था जिसके बारे में मैंने सोचा नहीं था। श्रीलंका में हम उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए।”
भारत ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ तीन वनडे मैचों की श्रृंखला के दौरान अपने 27 विकेट स्पिन के ख़िलाफ़ ही गंवाए। श्रृंखला के बाद ख़ुद रोहित शर्मा ने स्वीकारा कि यह एक ऐसा पहलू है जिस पर चर्चा करने की आवश्यकता है।
टेन डेशकाटे ने कहा, “भारतीय टीम का ऐसा माइंडसेट रहा है कि वह विदेश में बेहतर करने के लिए काफ़ी उत्साहित रहती है। टीम का ध्यान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में बेहतर करने पर आकर्षित हुआ है। स्पिन को बेहतर ढंग से खेलना भारतीय टीम का हमेशा से मज़बूत पक्ष रहा था और यहां भारतीय टीम के प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट आई है। मैं इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा हूं कि मैं खिलाड़ियों की मदद कर सकूं ताकि भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर दुनिया भर में स्पिन को सबसे बेहतर ढंग से खेलने वाले खिलाड़ी बन सकें।”
गौतम गंभीर के कोचिंग स्टाफ़ में टेन डेशकाटे और अभिषेक नायर सहायक कोच के रूप में शामिल हैं। 2021 में संन्यास के बाद से ही टेन डेशकाटे कोचिंग के क्षेत्र में काफ़ी सक्रिय रहे हैं। वह केंट और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के साथ काम करने के अलावा हाल ही में हुए मेजर क्रिकेट लीग (एमएलसी) में एलए नाइट राइडर्स के साथ भी काम कर चुके हैं। इतने कम समय में इतनी अधिक भूमिकाएं निभाने के सवाल पर उन्होंने यही कहा कि उन्हें कोचिंग देने में काफ़ी आनंद आता है। वह अपनी नई भूमिका को लेकर भी पूर्ण रूप से स्पष्ट हैं।
“मुझे नहीं लगता कि इन खिलाड़ियों को किसी तकनीकी ज्ञान की आवश्कता है। हमारा काम सिर्फ़ उन्हें एक माइंडसेट देना, परिस्थितियों के प्रति सजगता के बारे में बताना, उन्हें नए आइडिया देना और माहौल को ठीक रखना होगा और यह काफ़ी महत्वपूर्ण भी है।”
टेन डेशकाटे ने एक विश्व विजेता टीम को कोचिंग देने के दौरान सामने आने वाली संभावित चुनौतियों पर भी बात की।
उन्होंने कहा, “अभी बीच में चैंपियंस ट्रॉफ़ी भी होनी है और हमारे पास तैयारी के लिए सिर्फ़ तीन वनडे शेष हैं। प्रारूपों के हिसाब से ढालना और इसके लिए टीम को तैयार करना काफ़ी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। यह एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसे वे (भारतीय टीम) हर हाल में जीतना चाहेंगे। जबकि इसके बाद इंग्लैंड का दौरा होगा और फिर टी20 वर्ल्ड कप (2026) सामने होगा। एक ऐसी टीम का हिस्सा बनना जो अभी अभी वर्ल्ड कप जीत कर आ रही हो, चुनौतीपूर्ण तो होता ही है लेकिन आने वाले 18 महीनों में जो लक्ष्य सामने हैं वो एक कोच के तौर पर रोमांचित करने योग्य ज़रूर हैं।”
–आईएएनएस
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