नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत जलवायु न्याय का मुद्दा उठाता रहा है। कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत गरीब और विकासशील देशों को चुकानी पड़ रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
–आईएएनएस
एसकेपी
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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत जलवायु न्याय का मुद्दा उठाता रहा है। कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत गरीब और विकासशील देशों को चुकानी पड़ रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
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विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत जलवायु न्याय का मुद्दा उठाता रहा है। कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत गरीब और विकासशील देशों को चुकानी पड़ रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत जलवायु न्याय का मुद्दा उठाता रहा है। कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत गरीब और विकासशील देशों को चुकानी पड़ रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत जलवायु न्याय का मुद्दा उठाता रहा है। कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत गरीब और विकासशील देशों को चुकानी पड़ रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
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प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
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प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
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विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
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विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।
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प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
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विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में एक वीडियो संदेश में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राष्ट्रों को अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्व जलवायु की रक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लंबे समय तक बड़े और विकसित देशों में विकास का मॉडल विरोधाभासी रहा है। इससे उन्होंने विकास का लक्ष्य हासिल किया लेकिन पर्यावरण को उनके विकास की कीमत चुकानी पड़ी। आज भी दुनिया के विकासशील और गरीब देश कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों की कीमत चुका रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों से विकसित देशों के इस रवैये का विरोध करने वाला कोई नहीं था, हालांकि उन्हें खुशी है कि भारत जलवायु न्याय का सवाल उठाने में कामयाब रहा है।