नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। भारत ने मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा के साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किए जाने से रोकने के चीन के कदम की कड़ी निंदा की।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कड़े शब्दों में बयान जारी करते हुए संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा कि यदि क्षुद्र भू-राजनीतिक हितों के कारण आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास विफल हो जाते हैं, तो हमारे पास वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड मीर को भारत तथा अमेरिका और कई अन्य देशों के कानूनों के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
लेकिन जब साजिद मीर को वैश्विक सूची में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था में पारित नहीं हो सका, बावजूद इसके कि कई सदस्य देश इसके समर्थन में हैं, हमारे पास यह मानने के उचित कारण हैं कि वैश्विक आतंक निरोधक संरचना में कुछ गलत है।
गुप्ता ने मीर पर भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को चीन द्वारा रोके जाने के बाद आतंकवाद निरोध पर एक उच्च स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
जिस सत्र को वे संबोधित कर रहे थे, वह क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को मजबूत करना: लचीलेपन की कमी को पूरा करने के उद्देश्य के लिए उन्हें फिट बनाना विषय पर था।
संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से कुछ ही घंटे पहले भारतीय राजनयिक ने यह टिप्पणी की है।
सत्र के दौरान, गुप्ता ने मुंबई पर 2008 के आतंकवादी हमलों के दौरान रिकॉर्ड की गई एक ऑडियो फाइल भी चलाई और आवाज का जिक्र करते हुए कहा, यह साजिद मीर है, जो आतंकवादियों को ताज होटल में विदेशियों का शिकार करने और उन्हें अंधाधुंध मारने के लिए फोन पर निर्देश दे रहा है।
उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकी हमले के 15 साल बाद भी इसके मास्टरमाइंडों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जा सका है।
गुप्ता ने कहा, उनमें से कुछ पूरे राजकीय आतिथ्य के साथ खुलेआम घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा, तो पहला और सबसे महत्वपूर्ण अंतर जो हम महसूस करते हैं, वह दोहरे मानकों से बचना है और अच्छे आतंकवादियों बनाम बुरे आतंकवादियों के इस आत्म-विनाशकारी औचित्य को दूर करना है। एक आतंकी कृत्य एक आतंकी कृत्य है, किसी भी औचित्य का इस्तेमाल किसी के द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।
राजनयिक ने सभा को यह भी बताया कि मोदी ने पिछले साल क्या कहा था, हम मानते हैं कि एक हमला बहुत अधिक है और यहां तक कि एक जीवन भी बहुत अधिक है। इसलिए हम आतंकवाद को उखाड़ फेंकने तक आराम नहीं करेंगे।
भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक साजिद मीर की 26 नवंबर 2008 में मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिए तलाश की जा रही है।
भारत का कहना है कि वह हमलों का मुख्य योजनाकार था, तैयारी और टोही का निर्देशन करता था, और हमलों के दौरान पाकिस्तान स्थित नियंत्रकों में से एक था।
हाल के दिनों में चीन ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों को नामित करने के लिए कई प्रयासों को रोक दिया है।
–आईएएनएस
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