श्रीनगर, 20 सितंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने शनिवार को भारत-पाकिस्तान मैच के आयोजन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच मैच हो सकता है तो फिर भारत-पाकिस्तान के बीच विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए संवाद क्यों नहीं हो सकता?
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अगर आप लोग इस मैच के लिए राजी हो सकते हैं तो दोनों देशों के बीच संवाद का मार्ग क्यों नहीं प्रशस्त कर सकते हैं? निसंदेह अगर दोनों देश वार्ता की मेज पर वापस लौटे तो कई विवादित मुद्दों के लिए समाधान का मार्ग तैयार हो सकता है, जिससे दोनों देशों में शांति स्थापित होगी।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इस मैच से क्या होगा? कुछ नहीं होगा। यह मैच तो कुछ लोग अपना हित साधने के लिए करवा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इससे कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। इसकी जगह पर अगर हम दोनों देशों के बीच वार्ता का सेतु तैयार करें तो ये ज्यादा फायदेमंद होगा। इससे दोनों ही देशों के लोग शांति से रह पाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह बात समझ से परे है कि एक तरफ जहां हम भारत-पाकिस्तान के बीच मैच का आयोजन करा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी दहशतगर्दों की दहशत को भूल जा रहे हैं। जिस तरह से आतंकवादियों ने पुलवामा में अटैक किया, पहलगाम में अटैक किया, इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच में आतंकवाद को लेकर खौफ है, लेकिन इन सभी बातों को ताक पर रखते हुए हम भारत-पाकिस्तान के बीच मैच करवा रहे हैं, जिससे कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता नहीं तैयार कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि हम लोग दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं और पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है। ऐसी स्थिति में हमें पाकिस्तान से वार्ता करके उससे रिश्ते सुधारने की दिशा में मार्ग प्रशस्त करना होगा।
उन्होंने कहा कि हम लोग दोनों देशों के बीच में मैच का आयोजन करवा सकते हैं, लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की जद में हमारे कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए। कई लोगों ने आतंकवाद का दंश झेलते हुए अपनों को खोया है।
–आईएएनएस
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