नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)। हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी में नौसेना प्रमुखों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया गया। यह संस्करण रॉयल थाई नेवी द्वारा 19 से 22 दिसंबर 2023 तक थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित किया गया। इसमें 27 सदस्य देशों और पर्यवेक्षक देशों के नौसेना प्रमुखों एवं वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए।
भारतीय नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस कार्यक्रम में भारत का नेतृत्व किया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक मेजबान थाईलैंड ने सम्मेलन के दौरान हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान अगले दो वर्षों के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया।
सबसे पहले, भारत द्वारा तैयार किए गए ध्वज को आईओएनएस ध्वज के रूप में चुना गया। भारत ने आगामी वर्षों के लिए समुद्री सुरक्षा और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत पर हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी कार्य समूहों के सह-अध्यक्ष के रूप में पदभार भी संभाला है। सम्मेलन में कोरिया गणराज्य की नौसेना का नवीनतम ‘पर्यवेक्षक’ के रूप में स्वागत किया गया, जिससे हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी की सामूहिक शक्ति बढ़कर 34 (25 सदस्य और 9 पर्यवेक्षक) हो गई है।
भारतीय नौसेना स्टाफ प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मेजबान थाईलैंड की रॉयल थाई नेवी के कमांडर-इन-चीफ एडम एडूंग पैन-इम के साथ सार्थक चर्चा की। आईओएनएस की अध्यक्षता संभालने के लिए उनकी सराहना करते हुए बधाई दी। दोनों पक्षों ने ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक जुड़ाव के आधार पर भारतीय नौसेना-रॉयल थाई नेवी के द्विपक्षीय नामकरण सहित दोनों देशों के बीच रक्षा गतिविधियों को आगे बढ़ाने के प्रति वचनबद्धता व्यक्त की।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, ईरान, इटली, मलेशिया, मॉलदीव, रूस, सऊदी अरब और स्पेन के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ भी बातचीत की और द्विपक्षीय समुद्री मुद्दों पर चर्चा की। संगोष्ठी से इतर, एडमिरल आर हरि कुमार ने बैंकॉक में भारतीय नौसेना के जहाज कदमत का भी दौरा किया और इस पोत के चालक दल के साथ बातचीत की।
उन्होंने लंबी दूरी की सफल तैनाती के लिए सभी की सराहना की। हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी की कल्पना भारतीय नौसेना द्वारा 2008 में एक ऐसे मंच के रूप में की गई थी, जो क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक समुद्री मुद्दों पर चर्चा के लिए एक खुला और समावेशी मंच प्रदान करे। इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को और बढ़ाना है, जिससे आगे की तरफ बढ़ते हुए आपस में आम समझ उत्पन्न होगी।
–आईएएनएस
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