श्रीनगर, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर एक ऐसा प्रदेश है, जो देश का मुकुट है। यहां किसी समय में भारत माता का तिरंगा भी लहराना ‘अपराध’ माना जाता था, लेकिन आज यह बदला हुआ जम्मू-कश्मीर है। आज अगर जम्मू-कश्मीर यहां तक पहुंचा तो उसके पीछे हमारे उन लोगों की शहादत है, जिन्होंने इसके लिए अपना सबकुछ बलिदान कर दिया।
जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष सत शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद आज यहां का माहौल शांतिपूर्ण हो गया है। हम जानना चाहते हैं कि वर्तमान सरकार (जम्मू-कश्मीर में) ने पिछले एक साल के अपने कार्यकाल में कितना काम किया है। क्या उन्होंने अपने घोषणापत्र में से कोई काम पूरा किया है?
इससे पहले सत शर्मा ने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार पर विकास करने के बजाय जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि जनता ने विकास के लिए विधायकों को जीता कर भेजा है, लेकिन विकास के काम नहीं हो रहे हैं। मेरा मानना है कि तालमेल की कमी तब होती है जब हम काम करना नहीं चाहते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार की सोच विकास की नहीं है, अगर उनकी सोच ऐसी होती, तो वे विधानसभा में अनुच्छेद 370 और 35ए पर असंवैधानिक और आधारहीन प्रस्ताव नहीं लाते।
आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर सत शर्मा ने कहा कि भारत में जब-जब कोई भी त्रासदी या आपदा आई है, तब-तब आरएसएस ने देश के निर्माण में अपना योगदान दिया है।
आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संगठन की शुरुआत एक स्वयंसेवी संस्था के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य लोगों में सांस्कृतिक चेतना, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करना था। पिछले 100 वर्षों में आरएसएस देश के सबसे प्रभावशाली सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों में से एक बन गया है।
पीएमओ के बयान में कहा गया है कि आरएसएस को भारत के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए जनता से जुड़ा एक अनोखा आंदोलन माना जाता है। इसका उदय विदेशी शासन के लंबे दौर के बाद हुआ और इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण भारत की राष्ट्रीय गौरव भावना से गहरा जुड़ाव है।
–आईएएनएस
मोहित/डीएससी