नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का आयोजन नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हो रहा है। भारत में पैरा खेलों की विकास यात्रा का यह एक बड़ा उदाहरण है।
विश्व पैरा एथलेटिक्स के प्रमुख पॉल फिट्जगेराल्ड और अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने बुधवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पैरालंपिक के क्षेत्र में वह भारत की प्रगति से संतुष्ट और उत्साहित नजर आए।
फिट्जगेराल्ड ने कहा, “हमारी हर विश्व चैंपियनशिप पूरी दुनिया को यह दिखाने का एक अवसर है कि दुनिया भर में 1.2 अरब विकलांग लोगों के लिए क्या संभव है। यह न सिर्फ दिखाने का बल्कि उत्कृष्टता, उच्च प्रदर्शन दिखाने के साथ-साथ एक समुदाय के रूप में एक-दूसरे से जुड़ने का मंच भी प्रदान करता है।”
उन्होंने कहा, “2015 में दोहा विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली भारतीय टीम ने पिछले साल कोबे में 17 पदक जीते थे। मौजूदा चैंपियनशिप में भी भारत का प्रदर्शन शानदार है। भारत सरकार ने निश्चित रूप से इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। खेल सुविधाओं में नवीनीकरण का काम चल रहा है। यह आयोजन अगली पीढ़ी को प्रेरित करने का एक शानदार अवसर है।”
फिट्जगेराल्ड ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “प्रतिस्पर्धी होना पदक जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मेरे लिए, व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ही मायने रखता है। ये ही खेल की असली शुरुआत है।
एंड्रयू पार्सन्स ने कहा, “भारत में पैरा खिलाड़ियों के विकास में निश्चित रूप से सरकार का समर्थन अहम रहा है। हम भारत में पैरा-इकोसिस्टम को समझने की कोशिश कर रहे हैं। भारत निश्चित रूप से गति पकड़ रहा है। यह आर्थिक रूप से बढ़ रहा है। एक ब्राजीलियाई होने के नाते, 2016 के रियो के अनुभव से बात करते हुए, जब देश का नेता रुचि लेता है, तो यह अच्छी बात है। भारत में भी यही स्थिति है।”
–आईएएनएस
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