मुंबई, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में आने वाले वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की मांग में इजाफा होगा। इस कारण से भारत 2030 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर में 143 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर सकता है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
कोलियर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि तेजी से हो रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास देश भर में सैटेलाइट टाउनशिप के विकास को बढ़ावा दे रहा है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2030 तक होने वाले इस व्यय का अधिकांश भाग शहरी क्लस्टर्स की ओर निर्देशित किया जाना है, जिससे शहरी क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व वाला विकास हो सके। विचाराधीन परियोजनाओं में हवाई अड्डे, इंटर-सिटी मेट्रो कनेक्टिविटी, एयरोसिटी, हाइवे, हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, आईटी + आईटीईएस जोन, बड़े डेटासेंटर कंसंट्रेशन जोन और अन्य शामिल हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि यह ट्रेंड मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में देखा जा रहा है। मुंबई और उसके आसपास के लोकेशन की योजनाबद्ध तरीके से भीड़भाड़ कम करने का काम किया जा रहा है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (एमएमआर) का विकास विभिन्न इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से प्रेरित है, जिसमें मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल), नवी मुंबई एयरपोर्ट इन्फ्लुएंस नोटिफाइड एरिया (एनएएएनए), विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर, मुंबई-पुणे मिसिंग लिंक और जेएनपीटी एक्सटेंशन प्रोजेक्ट शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चालू होने से उत्तरी बैंगलोर के विस्तार में एक नया आयाम जुड़ गया है।
नए प्रोजेक्टों की घोषणाओं ने 2020 से 2024 की अवधि में भूमि की कीमत में लगभग 2.5 गुना वृद्धि की है, जो 1,800 रुपये से बढ़कर 4,500 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है। यह वृद्धि सबसे अधिक उत्तरी बेंगलुरु के छोटे बाजारों जैसे देवनहल्ली, चिक्काबल्लापुर, हेब्बल और येलहंका के आसपास सबसे अधिक हुई है।
आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मल्टी-मॉडल परिवहन कनेक्टिविटी वाला भारत का पहला हवाई अड्डा बनने जा रहा है। इस नए हवाई अड्डे की क्षमता सालाना 9 करोड़ यात्रियों की होगी और इस परियोजना के माध्यम से आसपास की 90,000 एकड़ भूमि के विकास को बढ़ावा देगा।
इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में रियल एस्टेट की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, खोपोली और पेन जैसे छोटे बाजारों में अगले पांच वर्षों में भूमि की कीमतें 4,200 रुपये से बढ़कर 16,200 रुपये प्रति वर्ग फीट (2024-2030) तक लगभग 3.9 गुना बढ़ जाएंगी।
उत्तर प्रदेश में आगामी जेवर हवाई अड्डा से प्रदेश में शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी पहलों ने एक टाउनशिप के रूप में जेवर के विकास को और गति प्रदान की है। इन पहलों ने पिछले 5 वर्षों में भूमि की कीमत में वृद्धि की है, जो 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है।
चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड परियोजना एक बार पूरी हो जाने पर श्रीपेरंबदूर, सिंगापुरमलकोइल और अन्य जैसे सैटेलाइट शहरों के विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
इन इलाकों में पिछले पांच सालों में जमीन की कीमत 2,500 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 3,800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है।
कोलियर्स की रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में फिनटेक सिटी और परांडुर में प्रस्तावित चेन्नई ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जैसी आगामी परियोजनाओं के कारण इन इलाकों में विकास जारी रहेगा।”
–आईएएनएस
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