नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की संख्या में तेजी से वृद्धि होने जा रही है। देश की सड़कों पर 2032 तक 123 मिलियन ईवी होने का अनुमान है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।
इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (आईईएसए) और कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशन (सीईएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सस्टेनेबल विकास और 2070 तक नेट शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए ईवी को अपनाने की जरूरत है। ईवी को अपनाया जाना भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है और साथ ही 2030 तक 30 प्रतिशत ईवी पेनिट्रेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार होगा।
रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत की संचयी ऑन-रोड लिथियम-आयन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) लगभग बारह गुना बढ़ गए हैं, जो 2019 में 0.35 मिलियन से बढ़कर 2024 में 4.4 मिलियन हो गए हैं।
इस तेज वृद्धि को सहायक सरकारी नीतियों, जैसे कि एफएएमई-2 योजना से बढ़ावा मिला है। यह योजना पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पूंजी सब्सिडी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए मांग आधारित प्रोत्साहन प्रदान करती है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 2024 में भारत के ऑन-रोड ईवी स्टॉक में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों का कुल मिलाकर 93 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होगा।
इसके विपरीत, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों का प्रतिनिधित्व लगभग 6 प्रतिशत था, जबकि इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों का हिस्सा 1 प्रतिशत से भी कम था।
आईईएसए के अध्यक्ष देबमाल्या सेन ने कहा, “अनुमानित ईवी वृद्धि को सपोर्ट करने के लिए हम अनुमान लगा सकते हैं कि भारत के संचयी इंस्टॉल्ड ईवी चार्जिंग पॉइंट, पब्लिक और कैप्टिव, को लगभग 12 से 28 गुना बढ़ाने की जरूरत होगी, जो 2024 में लगभग 76,000 से बढ़कर 2032 तक 0.9 मिलियन और 2.1 मिलियन के बीच हो जाएगा।”
सेन ने कहा कि इंस्टॉल्ड चार्जिंग क्षमता को भी 17 गुना से अधिक बढ़ाना होगा, जो ईवी अपनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर के उपयोग के स्तर पर निर्भर करते हुए 1.3 गीगावाट से बढ़कर 23 गीगावाट हो जाएगी।
सीईएस के प्रबंध निदेशक विनायक वालिम्बे ने कहा कि 2032 तक, आईईएसए और सीईएस का अनुमान है कि भारत का ऑन-रोड ईवी स्टॉक लगभग 49 मिलियन (सबसे खराब स्थिति), 60 मिलियन (बिजनेस-एज-यूजुअल) या 123 मिलियन (एनईवी परिदृश्य) तक पहुंच सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में सड़कों पर लगभग 2,20,000 पर्सनल इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर (ई4डब्ल्यू) थे, जिनमें से अधिकांश आवासीय क्षेत्रों में स्थापित टाइप-2 एसी चार्जर पर निर्भर थे।
उसी वर्ष तक भारत में अनुमानित 3,20,000 निजी टाइप-2 एसी चार्जर थे, जिनमें से 70 प्रतिशत 3.3 किलोवाट इकाइयां, 28 प्रतिशत 7.4 किलोवाट इकाइयां और शेष 11-22 किलोवाट इकाइयां उच्च क्षमता के रूप में वर्गीकृत थीं।
–आईएएनएस
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