भोपाल, 23 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से भिंड जिले के कलेक्टर को मतगणना की प्रक्रिया से अलग रखने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन से मुलाकात करके कहा कि भिंड कलेक्टर शुरू से ही चुनाव को प्रभावित करने और भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भिंड कलेक्टर अपनी पदस्थापना के समय से ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों से यह पूछते रहे हैं कि डॉ. गोविन्द सिंह सात बार किस प्रकार चुनाव जीते हैं। भिंड कलेक्टर पूरे जिले के निर्वाचन अधिकारी हैं, लेकिन मतदान के दिन वे केवल लहार विधानसभा क्षेत्र में पूरे दिन मतदान शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक घूमते रहे। उनके निर्देश पर बीएसएफ कर्मी मतदान करने वाले मतदाताओं के आधार कार्ड की जांच कर रहे थे। जबकि, यह काम पीठासीन अधिकारी का है। बीएसएफ जवानों द्वारा मतदाताओं से पूछताछ किये जाने से क्षेत्र में भय व्याप्त हो गया।
डॉ. सिंह ने कहा कि मतदान केन्द्र 50 धनुपुरा और 45 गांध में अनेक मतदाताओं के साथ मारपीट की गई, जिससे कोई मतदान नहीं कर सके। कलेक्टर के इशारे पर कांग्रेस पार्टी के मतदान अभिकर्ताओं को मतदान केन्द्र से बाहर बैठाकर रखा गया और पीठासीन अधिकारियों द्वारा भाजपा के पक्ष में फर्जी मतदान कराया गया। लहार में निर्वाचन के कार्य में लगे शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा डाले गये डाक मत पत्रों को कोषालय में जमा नहीं किया गया।
इसकी शिकायत करने के बाद लहार की आईटीआई में एक खुली अलमारी में डाक मत पत्र पाए गए, जिसमें कई लिफाफे खुले हुए थे। एक दिन बाद इन डाक मत पत्रों को कोषालय में जमा कराया गया। उन्होंने मांग की है कि लहार क्षेत्र की मतगणना से कलेक्टर भिंड को अलग रखते हुए किसी अन्य अधिकारी को दायित्व सौंपा जाए, ताकि मतगणना निष्पक्षता पूर्वक हो सके।
–आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम