नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में ‘भारत’ वैश्विक स्तर पर सबसे भरोसेमंद साझेदार बना हुआ है। उन्होंने इस भरोसे का श्रेय राजनीतिक स्थिरता, दूरदर्शी नेतृत्व, सांस्कृतिक मूल्यों और सस्टेनेबल भविष्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दिया।
राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई ‘एनुअल बिजनेस समिट 2025’ में केंद्रीय मंत्री ने भारत की जलवायु नीति संरचना के बारे में बताया, जिसमें तीन प्रमुख चालकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
उन्होंने बताया, “भारत लीनियर से एक सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल में बदल रहा है, जिसका लक्ष्य अपशिष्ट को कम करना और संसाधन दक्षता को बढ़ाना है। सरकार ने रीसाइक्लिंग और सस्टेनेबल उपभोग को बढ़ावा देने के लिए टायर, बैटरी, प्लास्टिक और ई-कचरे सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ईपीआर) दिशानिर्देश पेश किए हैं।”
2022 और 2024 के बीच, रीसाइक्लिंग सेक्टर ने कुल 10,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया, जो सस्टेनेबल प्रैक्टिस के प्रति उद्योग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अनुमान है कि 2050 तक सर्कुलर इकोनॉमी सेक्टर का मूल्य 2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा, जिससे लगभग 10 मिलियन नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘मिशन लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) और राष्ट्रव्यापी अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ शुरू किया है, जो पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से एक समुदाय-संचालित पहल है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मिशन लाइफ के तहत ग्रीन क्रेडिट नियमों की शुरूआत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्वैच्छिक कार्यों को प्रोत्साहित करती है, जिससे सस्टेनेबिलिटी के कल्चर को बढ़ावा मिलता है।”
सरकार ने जलवायु वित्त वर्गीकरण का ड्राफ्ट फ्रेमवर्क जारी किया है।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को प्रस्तुत की जाने वाली पहली राष्ट्रीय अनुकूलन योजना का विकास, अनुकूलन क्षमता को बढ़ाने, ज्ञान प्रणालियों को मजबूत करने और जलवायु जोखिमों को कम करने पर केंद्रित है।
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग जगत के नेताओं से आत्मनिर्भर सर्कुलर अर्थव्यवस्था के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
उन्होंने उन्हें नॉलेज शेयरिंग और सस्टेनेबल प्रैक्टिस को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के तहत शुरू किए गए ‘संसाधन दक्षता और सर्कुलर अर्थव्यवस्था उद्योग गठबंधन’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
–आईएएनएस
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