भोपाल, 11 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रति लोगों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। यही कारण है कि यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि यहां हर रोज ओपीडी में 5,600 से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा है। एम्स में रविवार को पांच दिवसीय 20वें अखिल भारतीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन का समापन हुआ।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ. सिंह ने ‘वन स्टेट, वन हेल्थ पॉलिसी’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस पॉलिसी के लागू होने से हमारा प्रदेश पहला ऐसा राज्य बनेगा, जो इसे लागू करेगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां डेढ़ सौ बिस्तरों का ट्रॉमा और क्रिटिकल केयर यूनिट बनकर तैयार हो जाएगा। पिछले दो साल में एम्स के प्रति मरीजों का भरोसा काफी बढ़ा है, जिसका परिणाम यह है कि यहां की ओपीडी में हर रोज 5,600 से ज्यादा मरीज इलाज कराने आते हैं।
पांच दिवसीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन के समापन अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने आपातकालीन चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा को एक चुनौतीपूर्ण काम बताया। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं या फिर अन्य आपातकालीन स्थिति में त्वरित और सटीक चिकित्सा सेवा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। इस मौके पर सांसद आलोक शर्मा भी उपस्थित रहे।
ट्रॉमा एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. यूनुस ने बताया कि यहां ढाई सौ से अधिक लोगों को जीवन रक्षक तरीकों को सिखाया जाएगा। इन जीवन रक्षक बातों को सीखकर लोग समुदाय में जाकर और लोगों को भी सिखाएंगे।
इस मौके पर एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि इंसान के जीवन से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। सही समय पर बेसिक लाइफ सपोर्ट देकर इंसान के जीवन को बचाया जा सकता है। यह जरूरी है कि हर व्यक्ति बीएलएस पारंगत हो और इसके लिए जन जागरण अभियान की आवश्यकता है।
–आईएएनएस
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