भोपाल, 28 जुलाई (आईएएनएस)। भाजपा शासित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गौशाला में भारी अव्यवस्था की तस्वीर सामने आई है। इसको लेकर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
भोपाल के गौशाला में बड़ी समस्या देखने को मिल रही है। गौशाला में क्षमता से करीब दोगुने जानवर रखे गए हैं। इनमें से कई मरने की स्थिति में हैं। वहीं गायों की देख-रेख के लिए स्टाफ की संख्या भी काफी कम है। इसके कारण गायों के प्रबंधन में दिक्कत आ रही है। इस मुद्दे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है।
मामले में भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने आईएएनएस से कहा, “जिसने लापरवाही बरती है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। गौशाला को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं। गायों की खुराक के लिए रोज 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए कर दिए गए हैं।” गौशाला में जगह की कमी को लेकर भगवानदास ने कहा कि गौशाला को और बड़ा करने का काम किया जाएगा।
गौशाला के डॉक्टर नीरज परिहार ने आईएएनएस को बताया, “नगर-निगम द्वारा भोपाल शहर में हादसे में घायल और गौशालाओं के बीमार जानवरों को अस्पताल में लाया जाता है। पशु आश्रय स्थल की कैपेसिटी 70-80 जानवर की है, लेकिन यहां 150 से अधिक जानवर हैं और काम करने वाले लोगों की संख्या सिर्फ तीन है। इस समस्या को लेकर लेकर नगर-निगम को कई बार पत्र लिख चुका है, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया। मेरी मांग है कि यहां कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर आठ किया जाए और क्षमता सेे अधिक जानवरों को न लाया जाए।”
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरा है। कांग्रेस के पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि “भाजपा के लोग गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति करते हैं। गौ माता की सेवा का भाव उनके अंदर नहीं होता है। जब कमलनाथ जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, तो करीब प्रदेश में 1500 से अधिक गौशालाएं बनाई गई थीं। प्रत्येक गाय पर 20 रुपए प्रतिदिन खर्च किए जाते थे। लेकिन जब भाजपा सत्ता में आई तो, गायों पर होने वाले खर्च को घटा दिया गया और कई महीनों तक पैसे भी नहीं देते हैं।”
उन्होने कहा कि भाजपा ने बड़ी-बड़ी गौशालाओं को गौ कब्रगाह बनाने का काम किया है। वे सेवा नहीं, सिर्फ वोट की राजनीति के लिए गौ माता का यूज करते हैं। भाजपा ने भारत को बीफ का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बना दिया है।
–आईएएनएस
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