नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी बिजली मंत्री आतिशी द्वारा लगातार उठाए जा रहे मुफ्त बिजली के मुद्दे पर आलोचना करते हुए कहा है कि केजरीवाल और बिजली मंत्री अपने मंत्रियों पर भ्रष्टाचार की खबरों से जनता का ध्यान हटाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया में मुफ्त बिजली का मुद्दा उठा रहे हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुफ्त बिजली योजना अरविंद केजरीवाल सरकार की वोट बैंक योजना से ज्यादा कुछ नहीं है और केजरीवाल अब उपभोक्ताओं से हर कुछ महीनों में मुफ्त बिजली की भीख मंगवाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल तक सरकार बिलिंग के आधार पर सभी वर्गों के उपभोक्ताओं को मुफ्त या सब्सिडी वाली बिजली दे रही थी, लेकिन पिछले साल उसने लोगों को बिजली डिस्कॉम में आवेदन करके बिजली सब्सिडी की मांग की शर्त रखी और इसके परिणामस्वरूप सब्सिडी से लाभान्वित होने वालों में से लगभग 25 प्रतिशत का नुकसान हुआ, क्योंकि उन्होंने आवेदन के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने में सहज महसूस नहीं किया। अब केजरीवाल सरकार चाहती है कि उपभोक्ता अप्रैल में पुन: मुफ्त बिजली की मांग करें और इस तरह कई लाख उपभोक्ता फिर बाहर हो जाएंगे क्योंकि वे सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं करना चाहेंगे। इस प्रकार केजरीवाल अपनी सरकार पर वित्तीय प्रभाव को कम कर रहे हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि हम यह समझने में नाकाम रहे हैं कि अगर केजरीवाल सरकार वास्तव में लोगों को मुफ्त बिजली या सब्सिडी योजना से लाभान्वित करना चाहती है, तो वह सभी श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को पहले 200 यूनिट मुफ्त क्यों नहीं देती। ऐसा क्यों है कि जिस क्षण खपत 201 यूनिट तक पहुंच जाती है, उपभोक्ता को मुफ्त बिजली योजना के लाभ से बाहर कर दिया जाता है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर केजरीवाल वास्तव में लोगों को मुफ्त या सब्सिडी वाली योजना से लाभान्वित करना चाहते हैं या मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ देना चाहते हैं तो उन्हें बिजली डिस्कॉम को मनमाने ढंग से बिजली मीटर लोड बढ़ाने से रोकना चाहिए क्योंकि इससे उपभोक्ताओं से मीटर किराया आदि अधिक वसूला जाता है। बिजली डिस्कॉम को बिजली मीटर लोड खुद बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, यह तभी किया जाना चाहिए जब उपभोक्ता बिजली लोड बढ़ाने के लिए आवेदन करता है।
–आईएएनएस
एसटीपी/एएनएम