नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को यहां प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी-फ्रॉम काउपॉक्स टू वैक्सीन मैत्री नामक पुस्तक का विमोचन किया।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सज्जन सिंह यादव द्वारा लिखित यह पुस्तक कोविड-19 टीकों के विकास, उत्पादन और वितरण में भारत की उपलब्धि के बारे में विस्तार से बताती है।
मंडाविया ने इस अवसर पर कहा कि भारत सरकार ने पूरे देश में बिना किसी कमी के दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में 2.2 अरब खुराक बांटी, जिसके परिणामस्वरूप 30.4 लाख लोगों की जान बचाई गई।
मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जब अन्य देश वैक्सीन को लेकर झिझक रहे थे, भारत ने एक अनुकरणीय समर्थक टीकाकरण कोविड प्रबंधन मॉडल स्थापित किया।
मंडाविया ने कहा, मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि अनुसंधान, निर्माण और वैक्सीन ड्राइव को व्यापक रूप से चित्रित किया गया है, जो न केवल महामारी संकट को याद करता है, बल्कि वैक्सीन के इतिहास में भी विस्तार करता है, जिसका पता 2500 साल पहले लगाया जा सकता था।
उन्होंने लेखकों से यह कहते हुए सामने आने का आग्रह किया कि अनुसंधान-आधारित प्रलेखन एक ऐसा माध्यम है, जो भारत की विरासत को प्रकाश में ला सकता है। यह विश्व संभावनाओं और समाधानों को दर्शाता है, जैसा कि भारत के कोविड-19 ट्राजेक्ट्री ने किया है, जो हमारी पारंपरिक जड़ों और विरासत पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, हमारी विरासत हमारे ज्ञान और विज्ञान को दर्शाती है, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है, और संकट के समय में अनुकरणीय साबित हुई है।
पुस्तक में लेखक ने भविष्य की उन चुनौतियों पर भी विचार किया है, जो स्पष्ट रूप से भारतीय वैक्सीन उद्योग के विकास के लिए वैक्सीनोलॉजी और नई संभावनाओं की राह में उभर सकती हैं।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम