बेलगावी (कर्नाटक), 29 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी, जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने मंत्रिमंडल में नहीं लिया है, ने कहा कि कोई भी राजनीति में संत या संन्यासी नहीं होता।
चुनाव से पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए और बीजेपी के लिंगायत वोट बैंक को तोड़ने में मदद करने वाले लक्ष्मण सावदी ने कैबिनेट पद से वंचित किए जाने पर पहली बार नाखुशी जताई।
पत्रकारों से बात करते हुए, लक्ष्मण सावदी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 34 मंत्री हैं। इस बार कांग्रेस के अनुभवी नेताओं को चुना गया है और उन्हें प्रतिनिधित्व दिया गया है। उन्होंने कहा, हम हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। राजनीति में धैर्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा, अगर ये दोनों चीजें बरकरार हैं, तो कोई भी राजनीति कर सकता है। मुझे उम्मीदें थीं। राजनीति में कोई भी साधु, त्यागी नहीं होता। सबकी इच्छा मंत्री, डिप्टी सीएम या सीएम बनने की होती है।
उपयुक्त पदों के आश्वासन पर टिप्पणी करते हुए, लक्ष्मण सावदी ने कहा कि जो एक न्यायाधीश है वह अदालत में पट्टे वाला (कर्मचारी) नहीं बन सकता।
सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने उन्हें एक बोर्ड या एक निगम का अध्यक्ष बनने की पेशकश की थी और उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
लक्ष्मण सावदी ने बेलगावी जिले की अथानी सीट से भाजपा उम्मीदवार को 70,000 मतों के भारी अंतर से हराया है।
–आईएएनएस
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