लखनऊ, 19 नवंबर (आईएएनएस)। मछली पालन के मामले में उत्तर प्रदेश सर्वश्रेष्ठ भारतीय राज्य के रूप में उभरा है। विश्व मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर अगले सप्ताह होने वाले वैश्विक मत्स्य सम्मेलन में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा राज्य को पुरस्कृत किया जाएगा।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए मछलियों के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 21 योजनाएं चलाई जा रही हैं।
पिछले एक साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे का समर्थन किया है।
विवरण साझा करते हुए, राज्य के मत्स्य पालन मंत्री संजय कुमार निषाद ने कहा कि योगी सरकार ने पिछले 6 सालों में विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
मंत्री ने कहा, ”इन प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में मछली उत्पादन में वृद्धि हुई है। 2022 में 8.08 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 2023 में 9.15 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन दर्ज किया गया है। इसी प्रकार, राज्य में पिछले वर्ष के 27,128 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 36,187 लाख मीट्रिक टन मछली बीज का उत्पादन दर्ज किया गया है। योजनाओं के माध्यम से लाभार्थियों को 152.82 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।”
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यूपी के 68 जिलों की नदियों में पशुपालन किया जा रहा है। मछुआ दुर्घटना बीमा योजना से प्रदेश के 1,16,159 मछुआरों को लाभ हुआ है।
योजना के अनुसार, दुर्घटना में जान गंवाने वाले मछुआरों को 5 लाख रुपये, दिव्यांग होने वाले मछुआरों को 2.5 लाख रुपये और घायलों को 25,000 रुपये की सहायता दी जाती है। पहले पशुपालन 12 जिलों तक सीमित था, लेकिन अब इसका विस्तार 68 जिलों की नदियों तक हो गया है।
प्रदेश को फिशरीज हब के रूप में स्थापित करने के लिए चंदौली में 62 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक फिश मॉल का निर्माण कराया जा रहा है।
योगी सरकार ने इस साल 14,021 मछुआरों के लिए कुल 10,772.77 लाख रुपये का बैंक ऋण स्वीकृत किया है। इसके अलावा, विभाग ने 1,500 से अधिक मछुआरों को मछली पालन का प्रशिक्षण प्रदान किया है।
–आईएएनएस
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