नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार की ओर से चालू नीतियां जारी रखने और मजबूत घरेलू मांग (विशेषकर ग्रामीण भारत) के चलते भारतीय कंपनियों वित्त वर्ष 2024-25 में अपने कारोबार में वृद्धि को लेकर आशावादी है। रविवार को जारी हुए सर्वे में यह जानकारी दी गई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि खपत (विशेषकर ग्रामीण इलाकों) में बढ़ोतरी, अच्छा मानसून, सरकार द्वारा लगातार सुधार और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में वृद्धि बढ़ने की संभावना है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।
–आईएएनएस
एबीएस/
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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार की ओर से चालू नीतियां जारी रखने और मजबूत घरेलू मांग (विशेषकर ग्रामीण भारत) के चलते भारतीय कंपनियों वित्त वर्ष 2024-25 में अपने कारोबार में वृद्धि को लेकर आशावादी है। रविवार को जारी हुए सर्वे में यह जानकारी दी गई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि खपत (विशेषकर ग्रामीण इलाकों) में बढ़ोतरी, अच्छा मानसून, सरकार द्वारा लगातार सुधार और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में वृद्धि बढ़ने की संभावना है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार की ओर से चालू नीतियां जारी रखने और मजबूत घरेलू मांग (विशेषकर ग्रामीण भारत) के चलते भारतीय कंपनियों वित्त वर्ष 2024-25 में अपने कारोबार में वृद्धि को लेकर आशावादी है। रविवार को जारी हुए सर्वे में यह जानकारी दी गई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि खपत (विशेषकर ग्रामीण इलाकों) में बढ़ोतरी, अच्छा मानसून, सरकार द्वारा लगातार सुधार और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में वृद्धि बढ़ने की संभावना है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
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ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
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ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि खपत (विशेषकर ग्रामीण इलाकों) में बढ़ोतरी, अच्छा मानसून, सरकार द्वारा लगातार सुधार और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में वृद्धि बढ़ने की संभावना है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।
–आईएएनएस
एबीएस/
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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार की ओर से चालू नीतियां जारी रखने और मजबूत घरेलू मांग (विशेषकर ग्रामीण भारत) के चलते भारतीय कंपनियों वित्त वर्ष 2024-25 में अपने कारोबार में वृद्धि को लेकर आशावादी है। रविवार को जारी हुए सर्वे में यह जानकारी दी गई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि खपत (विशेषकर ग्रामीण इलाकों) में बढ़ोतरी, अच्छा मानसून, सरकार द्वारा लगातार सुधार और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में वृद्धि बढ़ने की संभावना है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सरकार की ओर से चालू नीतियां जारी रखने और मजबूत घरेलू मांग (विशेषकर ग्रामीण भारत) के चलते भारतीय कंपनियों वित्त वर्ष 2024-25 में अपने कारोबार में वृद्धि को लेकर आशावादी है। रविवार को जारी हुए सर्वे में यह जानकारी दी गई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की अवधि में बढ़कर दो तिमाही के उच्चतम स्तर 68.2 पर पहुंच गया है। पिछली तिमाही में यह 67.3 पर था और पिछले साल समान अवधि में 67.1 पर था।
सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि खपत (विशेषकर ग्रामीण इलाकों) में बढ़ोतरी, अच्छा मानसून, सरकार द्वारा लगातार सुधार और निजी क्षेत्र की ओर से निवेश बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में वृद्धि बढ़ने की संभावना है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं (59 प्रतिशत) का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के मुकाबले निजी निवेश बढ़ा है।
निजी निवेश बढ़ना काफी उत्साहजनक है इससे सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश को सहारा मिलेगा।
सर्वे में आगे कहा गया कि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग अच्छी रहने की उम्मीद है। हालांकि, तेजी से बदलते वैश्विक हालातों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि बिक्री के साथ नए ऑर्डर में जुलाई से सितंबर के बीच इजाफा देखने को मिला है।
ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि वह अपनी 75 से 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर पा रहे हैं।
सर्वे में बताया गया कि आरबीआई के मुताबिक जब भी कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 75 से 80 प्रतिशत के बीच में पहुंच जाता है तो यह अर्थव्यवस्था में नया निवेश बढ़ाने में मदद करता है।