नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दलों ने सरकार पर हमला बोला। लोकसभा में टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया और कहा कि मणिपुर में मई के बाद से जो कुछ हुआ है, उसके लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। मई से जुलाई के बीच प्रधानमंत्री ने सात देशों का दौरा किया, लेकिन उन्हें मणिपुर जाने का समय नहीं मिला। रॉय ने जानना चाहा कि क्या वह घूमने वाले राजदूत हैं या सेल्समैन?
राकांपा की सुप्रिया सुले ने जानना चाहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार खुद को अलग पार्टी कैसे कह सकती है, जब उसने नौ वर्षों में नौ सरकारें गिरा दी हैं। सुप्रिया सुले ने कहा कि आप एक अलग पार्टी कैसे हैं? आपने नौ साल में नौ राज्य सरकारें गिरा दी हैं। आप आय दोगुनी करने की बात करते हैं, किसकी आय दोगुनी हुई? यह सरकार किसान विरोधी है, इसलिए हमें इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं है।
इस सरकार का रवैया अहंकारपूर्ण है। हम जनता के सेवक हैं, अधिकारी नहीं, फिर यह रवैया क्यों? एनसीपी सांसद ने कहा कि सरकार वंदे भारत की बात करती है, लेकिन ये गरीबों के लिए नहीं है। उन्होंने पूछा कि देश में महंगाई, बेरोजगारी और कुपोषण है। हम इस सरकार का समर्थन कैसे कर सकते हैं?
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहती तो मणिपुर में हिंसा पर दो दिन के अंदर काबू पाया जा सकता था लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं थी। मणिपुर में जो हुआ वह राज्य प्रायोजित जातीय हिंसा थी?
डिंपल यादव ने आगे कहा कि भारतीय सेना वहां तैनात है, बीएसएफ वहां है और असम राइफल्स भी वहां है। सरकार चाहती तो दो दिन के अंदर हालात पर काबू पा सकती थी। ये नफरत की राजनीति है। न केवल मणिपुर, बल्कि मिजोरम, त्रिपुरा, दक्षिणी असम और यहां तक कि हरियाणा में भी आंतरिक सुरक्षा खतरे में है।
डीएमके सांसद टी.आर बालू ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद से अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें संसद में आने के लिए चुना है, उन्हें कौन रोक रहा है? मणिपुर के अल्पसंख्यकों को बेरहमी से मारा गया है। 143 लोग मारे गए हैं, 65,000 लोग राज्य छोड़कर चले गए हैं। मणिपुर की सड़कों पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
उन्होंने कहा कि न तो प्रधानमंत्री संसद आ रहे हैं और न ही उन्होंने मणिपुर का दौरा किया है। जबकि ‘इंडिया’ के सांसदों ने राज्य का दौरा किया और समझा कि वहां क्या हुआ है।
बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कांग्रेस पार्टी जीत के जबड़े से हार छीनने में माहिर है। वे अपना चेहरा बिगाड़ने के लिए अपनी नाक काटने में भी बहुत माहिर होते हैं।
वे जानते हैं कि जब भी प्रधानमंत्री इस सदन में बोलने के लिए खड़े हुए हैं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। यह सामान्य ज्ञान, तर्क और राजनीतिक समझ की अवहेलना करता है। लोग तय करेंगे कि अगर प्रधानमंत्री ने न बोलने का फैसला किया है तो यह सही है या गलत। आपको मामले को लोगों तक ले जाना होगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी
नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दलों ने सरकार पर हमला बोला। लोकसभा में टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लिया और कहा कि मणिपुर में मई के बाद से जो कुछ हुआ है, उसके लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। मई से जुलाई के बीच प्रधानमंत्री ने सात देशों का दौरा किया, लेकिन उन्हें मणिपुर जाने का समय नहीं मिला। रॉय ने जानना चाहा कि क्या वह घूमने वाले राजदूत हैं या सेल्समैन?
राकांपा की सुप्रिया सुले ने जानना चाहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार खुद को अलग पार्टी कैसे कह सकती है, जब उसने नौ वर्षों में नौ सरकारें गिरा दी हैं। सुप्रिया सुले ने कहा कि आप एक अलग पार्टी कैसे हैं? आपने नौ साल में नौ राज्य सरकारें गिरा दी हैं। आप आय दोगुनी करने की बात करते हैं, किसकी आय दोगुनी हुई? यह सरकार किसान विरोधी है, इसलिए हमें इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं है।
इस सरकार का रवैया अहंकारपूर्ण है। हम जनता के सेवक हैं, अधिकारी नहीं, फिर यह रवैया क्यों? एनसीपी सांसद ने कहा कि सरकार वंदे भारत की बात करती है, लेकिन ये गरीबों के लिए नहीं है। उन्होंने पूछा कि देश में महंगाई, बेरोजगारी और कुपोषण है। हम इस सरकार का समर्थन कैसे कर सकते हैं?
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहती तो मणिपुर में हिंसा पर दो दिन के अंदर काबू पाया जा सकता था लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं थी। मणिपुर में जो हुआ वह राज्य प्रायोजित जातीय हिंसा थी?
डिंपल यादव ने आगे कहा कि भारतीय सेना वहां तैनात है, बीएसएफ वहां है और असम राइफल्स भी वहां है। सरकार चाहती तो दो दिन के अंदर हालात पर काबू पा सकती थी। ये नफरत की राजनीति है। न केवल मणिपुर, बल्कि मिजोरम, त्रिपुरा, दक्षिणी असम और यहां तक कि हरियाणा में भी आंतरिक सुरक्षा खतरे में है।
डीएमके सांसद टी.आर बालू ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद से अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें संसद में आने के लिए चुना है, उन्हें कौन रोक रहा है? मणिपुर के अल्पसंख्यकों को बेरहमी से मारा गया है। 143 लोग मारे गए हैं, 65,000 लोग राज्य छोड़कर चले गए हैं। मणिपुर की सड़कों पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
उन्होंने कहा कि न तो प्रधानमंत्री संसद आ रहे हैं और न ही उन्होंने मणिपुर का दौरा किया है। जबकि ‘इंडिया’ के सांसदों ने राज्य का दौरा किया और समझा कि वहां क्या हुआ है।
बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कांग्रेस पार्टी जीत के जबड़े से हार छीनने में माहिर है। वे अपना चेहरा बिगाड़ने के लिए अपनी नाक काटने में भी बहुत माहिर होते हैं।
वे जानते हैं कि जब भी प्रधानमंत्री इस सदन में बोलने के लिए खड़े हुए हैं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। यह सामान्य ज्ञान, तर्क और राजनीतिक समझ की अवहेलना करता है। लोग तय करेंगे कि अगर प्रधानमंत्री ने न बोलने का फैसला किया है तो यह सही है या गलत। आपको मामले को लोगों तक ले जाना होगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एसकेपी