कोलकाता, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। सेना के पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. कलिता ने शनिवार को कहा कि संघर्षग्रस्त मणिपुर में शांति लौट रही है, लेकिन उत्तर-पूर्वी राज्य में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ सुरक्षा बलों द्वारा बातचीत और अन्य माध्यमों से स्थायी शांति लाने के प्रयास जारी हैं।
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने कोलकाता के फोर्ट विलियम में विजय स्मारक पर एक पुष्पांजलि समारोह के मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद असम राइफल्स को बुलाया गया था। हमने राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के साथ मिलकर काम किया और अगले 7-10 दिन में कुछ हद तक सामान्य स्थिति लाने में सफल रहे। कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गई है।”
विजय दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत का प्रतीक है जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश को मुक्ति मिली थी।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुई हैं लेकिन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बातचीत और सक्रिय भूमिका के माध्यम से प्रयास जारी हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि, दोनों समुदायों के हाथों में बड़ी संख्या में हथियार होने और सीमा पार म्यांमार में अस्थिरता का असर पड़ा है।
लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, “छिटपुट घटनाओं की संभावना है लेकिन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास जारी हैं। सरकारों की ओर से सुलह प्रक्रिया जारी है। हमारा उद्देश्य हिंसा को कम करना है।”
उन्होंने कहा कि हिंसा के पीड़ितों के शवों का परिवहन शुक्रवार को हुआ और कांगपोकपी में 19 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
“शेषों का भी एक-दो दिन में अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। जल्द ही चुराचांदपुर में एक दफन समारोह भी होगा। मैं आश्वस्त हूं कि चीजें बेहतर होंगी।”
उन्होंने कहा कि हालांकि, समय सीमा तय करना बहुत मुश्किल है।
लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, “दोनों समुदायों के बीच कई ऐतिहासिक मुद्दे हैं और ऐसी चीजों में समय लगता है।”
उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति नियंत्रण में है।
तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) का नाम बदलकर ज़िज़ांग करने के चीन के फैसले पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपने क्षेत्र और चीन के कब्जे वाले क्षेत्र के बारे में स्पष्ट है।
लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, “चाहे वे तिब्बत का नाम ज़िज़ांग रखें या कुछ और, इसका हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हमारी तैयारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
–आईएएनएस
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