इम्फाल, 20 जून (आईएएनएस)। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्कूलों में 21 जून की बजाय अब 1 जुलाई से सामान्य कक्षाएं शुरू होंगी।
शिक्षा निदेशक (स्कूल) एल. नंदकुमार सिंह ने एक अधिसूचना में कहा कि मणिपुर के सभी स्कूलों में सामान्य कक्षाओं की बहाली एक जुलाई तक या अगले आदेश तक के लिए टाल दी जाती है।
शिक्षा विभाग के तहत सभी जोनल शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे सभी संबंधितों को सूचित करें और तदनुसार आवश्यक कार्रवाई करें।
इससे पहले विभाग ने घोषणा की थी कि 21 जून से सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू होंगी।
एक जुलाई के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कॉलेज स्तर तक की शेष कक्षाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएंगी।
मणिपुर में 4,617 स्कूल हैं और इनमें से लगभग 100 स्कूलों में विस्थापितों के लिए राहत शिविर और केंद्रीय बलों के लिए आवास स्थापित किए गए हैं।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार राहत शिविरों में रहने वालों और सुरक्षा बलों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश कर रही है, ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पहले कर्फ्यू के समय को बदलने की योजना का खुलासा किया था, जिससे सामान्य गतिविधियां धीरे-धीरे फिर से शुरू हो सकें और स्कूलों को जल्द से जल्द फिर से खोला जा सके।
इस बीच, हजारों छात्र विस्थापित हो गए हैं और राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं, थौबल जिला शिक्षा विभाग ने जिले के भीतर राहत आश्रयों में रहने वाले विस्थापित छात्रों को शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
अधिकारियों ने कहा कि 3 मई को राज्य में हुई जातीय हिंसा के कारण विभिन्न कक्षाओं के लगभग 6,000 छात्र विस्थापित हुए हैं।
शिक्षा मंत्री बसंत सिंह ने पहले कहा था कि विभाग प्रभावित छात्रों के कल्याण के लिए कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा था, विस्थापित छात्रों को नोटबुक, पेन, पेंसिल, खेल सामग्री और वर्दी जैसी अध्ययन सामग्री प्रदान की जाएगी, उन्होंने कहा कि कोचिंग कक्षाओं को व्यवस्थित करने के लिए राहत शिविरों में रहने वाले छात्रों के लिए स्वयंसेवी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
सिंह ने कहा था कि कक्षा 9-12 में पढ़ने वाले विस्थापित छात्रों को उनकी पसंद के स्कूलों में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी बशर्ते सीटें उपलब्ध हों।
सिंह ने कहा, अगर चयनित स्कूल में सीटें उपलब्ध नहीं हैं, तो आसपास के अन्य स्कूलों में व्यवस्था की जाएगी।
–आईएएनएस
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