इंफाल, 27 फरवरी (आईएएनएस)। मणिपुर सरकार ने मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए चुराचांदपुर जिले में मोबाइल डेटा सेवाओं सहित इंटरनेट निलंबन को अगले पांच दिनों के लिए यानी दो मार्च तक बढ़ा दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
संयुक्त सचिव (गृह) मायेंगबाम वीटो सिंह ने एक आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने चुराचांदपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद वीपीएन के जरिए इंटरनेट सेवा, मोबाइल डेटा सेवाओं और इंटरनेट/डेटा सेवाओं का निलंबन जारी रखने का निर्णय लिया है।
आदेश में कहा गया है कि मोबाइल सेवा प्रदाताओं को भी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
राज्य सरकार ने 16 फरवरी को चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया था, जिसके पांच दिन बाद 800 से 1,000 लोगों की भीड़ ने उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के कार्यालय परिसरों में घुसकर तोड़फोड़ की और सरकारी संपत्तियों को आग लगा दी व महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया।
सुरक्षा बलों के साथ झड़प में दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। जब सशस्त्र बदमाशों के साथ कांस्टेबल का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मणिपुर पुलिस के एक हेड कांस्टेबल के निलंबन का विरोध करने के लिए भीड़ जिला कार्यालय परिसर में घुस गई।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कार्यालय परिसर में खड़े चुराचांदपुर जिलों में राहत शिविरों के लिए सामग्री ले जा रहे बारह ट्रक और बसें भी जला दी गईं।
भीड़ ने डिप्टी कमिश्नर के सरकारी आवास को भी आग लगा दी। इस घटना में राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान होने की खबर है।
बयान में कहा गया है कि घटना के बाद ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ), जो कुकी-ज़ो समुदाय के सभी आदिवासी संगठनों का शीर्ष निकाय होने का दावा करता है, ने उपायुक्त के खिलाफ सीधी धमकी देते हुए कई प्रेस विज्ञप्ति/नोटिस जारी किए और चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक को जिला छोड़ने और सरकारी कार्यालयों को बंद करने का अल्टीमेटम भी दिया।
कहा गया है कि मणिपुर की राज्य सरकार पिछले साल 3 मई से जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में विस्थापित व्यक्तियों के कल्याण के लिए अथक प्रयास कर रही है।
इस बीच, आईटीएलएफ ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में चुराचांदपुर जिले में राहत केंद्रों में इंटरनेट सेवाएं और राशन बहाल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।
–आईएएनएस
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